Published By:धर्म पुराण डेस्क

शनि की महादशा और अंतर्दशा के फल, शनि की महादशा में कैसे-कैसे फल आते हैं।

शनि की महादशा के अंतर्गत शनि, बुध केतु, शुक्र, सूर्य, चन्द्र, मंगल, राहु, बृहस्पति की अन्तर्दशाएँ क्रमशः आती हैं। इस क्रम में शनि की बुध की अन्तर्दशा का फल शुभ होता है।

शनि - बुध

सौभाग्य सौख्य-विजय-प्रमोद, सत्कार- मान-धन-लाभम् ।

सौरिदशायां सौम्यो, विदधात्यन्तर्दशा प्राप्तः ।।

जब सौरि (शनि) की दशा में सौम्य (सोम पुत्र बुध) की अन्तर्दशा प्राप्त होती है, तो जातक सुन्दर भाग्यवान्, सुखी, सर्वत्र विजय प्राप्त करने वाला, आमोद प्रमोद में रुचि रखने वाला, सबसे सत्कार व सम्मान पाने वाला तथा धनवान् होता है। सदाचार की ओर उसकी प्रवृत्ति होती है तथा उसकी चित्तवृत्ति निर्मल व कोमल रहती है।

शनि - बृहस्पति

अनुयाति शिष्टपदवीं, ग्रामादि- कलत्र- सौख्य-सम्पन्नः।

रवि तनयस्य दशायां, प्रविशति जीवे सदा पुरुषः ॥

जिस समय रवितनय (शनि) की दशा में जीव (बृहस्पति) की अन्तर्दशा आती है, उस समय जातक सम्माननीय पद, ग्रामादि का अधिकार तथा पत्नी से सुख प्राप्त करता है।


 

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