भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण माह में लाखों की संख्या में पूरे देश से श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। इस बार भी श्रावण माह में यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खास व्यवस्था की गई है। इसी क्रम में मंदिर प्रबंधन ने श्रावण माह में मंदिर के पट रात्रि 3 बजे से ही खोलने की घोषणा की है, वहीं सावन सोमवार के दिन मंदिर के पट आगंतुकों के लिए रात्रि 2.30 बजे से ही खोल दे जाएंगे। रात के 3 बजे बाबा महाकाल की भस्म आरती होगी।
सावन के सोमवार के दिन भक्तगण पूरे 20 घंटों तक बाबा महाकाल के दर्शन कर पाएंगे। हालाँकि ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावण व भादौ मास में आम भक्त भगवान महाकाल का जलाभिषेक नहीं कर सकेंगे। मंदिर के गर्भगृह में 14 जुलाई से 22 अगस्त तक प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। इस दौरान आम भक्तों को भगवान के दर्शन गणेश मंडपम से ही हो सकेंगे।
अलबत्ता दर्शन के लिए आने वाले भक्त कार्तिकेय मंडपम से लगे जल पात्र में जल अर्पित कर सकेंगे। इस जल से पाइप के माध्यम से महाकाल का अभिषेक होगा। इस दौरान सिर्फ मंदिर के पुजारी ही गर्भगृह में जाकर भगवान का जलाभिषेक करेंगे। कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो वर्ष में महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था में समय-समय पर बदलाव होता रहता है।
दो साल पहले भी गर्भगृह में आमतौर पर प्रवेशित प्रतिबंधित ही रहता था। अपवाद स्वरूप जिस दिन भक्तों की संख्या कम होती थी, मंदिर प्रबंधन उन्हें दर्शन करने और जलाभिषेक करने की अनुमति दे देता था। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में गुरुवार से श्रावण मास की पूजा शुरु हो गई है।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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