जब 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में बाल रूप में राम की प्राण प्रतिष्ठा होगी, तब राजा के रूप में राम दरबार सहित ओरछा में विराजमान रहेंगे।
हां यही मान्यता है कि 'श्री राम राजा सरकार के दो निज निवास हैं खास, दिवस ओरछा बसत हैं सायन अयोध्या वास.’। इसका यही मतलब है कि भगवान प्रभु श्री राम के दो निज निवास ओरछा और अयोध्या हैं। दिन में भगवान राम ओरछा में अपना दरबार चलाते हैं और जनता की फरियाद सुनते हैं। रात को भगवान राम शयन के लिए अयोध्या चले जाते हैं। इसलिए ओरछा में जब शयन आरती होती है तो वह आरती पातालपुरी हनुमान के पास तक जाती है।
यहां से श्री राम सूक्ष्म रूप में भगवान हनुमान के कंधों पर सवार होकर कनक भवन, अयोध्या निवास के लिए जाते हैं। मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के ओरछा नगर में भगवान श्री राम का एक भव्य और अलौकिक मंदिर है। यहां उन्हें राजा राम सरकार कहा जाता है। यहां वे एक राजा के रूप में पूजे जाते हैं। यहां प्रतिदिन भगवान राम को सशस्त्र सलामी दी जाती है।
और यह भी मान्यता है कि यहां पर किसी दूसरे वीआईपी को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जाता है। यहां पर राजा केवल राम हैं और उनके अलावा कोई और गार्ड ऑफ ऑनर लेने का अधिकारी नहीं है। ठीक उसी तरह जैसे यह मान्यता है कि उज्जैन में महाकाल के अलावा कोई और राजा रात्रि निवास नहीं करता। सीएम पर भी यही बात लागू मानी जाती रही है। हालांकि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मिथक पर इस व्याख्या के साथ पूर्णविराम लगा दिया है कि वह उज्जैन और महाकाल के बेटा हैं, इसलिए इस मिथक से उनका कोई सरोकार नहीं है।
दरअसल ओरछा की प्रासंगिकता इसलिए है क्योंकि शिवराज ने 22 जनवरी 2024 को ओरछा में रहकर भगवान राम की पूजा अर्चना करने की घोषणा की है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि, 'मैंने तय किया है कि मैं 22 जनवरी को ओरछा में भगवान राम जी के मंदिर रामराजा लोक में पूजा-अर्चना करूंगा और रामधुन गाउंगा, और वहीं से उस पल का साक्षी बनूंगा, जब भगवान राम दिव्य और भव्य राम मंदिर में विराजेंगे।' इसके साथ ही शाम को दीपोत्सव का कार्यक्रम उत्साह से मनाया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कहा कि, 22 जनवरी आ रही है। वैसे तो हर समय ये देश राममय रहा है, और हम सब ये गाते भी हैं कि, सियाराम मय सब जग जानी। राम हमारे अस्तित्व हैं, आराध्य हैं, राम हमारे प्राण हैं, हमारे भगवान हैं और राम भारत की पहचान हैं। उन्होंने कहा कि, राम हमारे रोम-रोम में रमे हैं, राम हमारी हर सांस में बसे हैं, उनके बिना ये देश जाना नहीं जा सकता है।
22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में रामलला, दिव्य और भव्य मंदिर में विराजेंगे। हम सभी बहुत ही सौभाग्यशाली हैं कि, हमारी आंखों के सामने रामलला मंदिर में विराजने वाले हैं, हम राममय हो जाएं। भगवान श्री राम के मंदिर में विराजने के साथ-साथ रामराज का प्रारंभ भी हो गया है। हम इस पावन दिन पर उत्साह से भगवान श्रीराम से भारत को विश्व गुरु बनने की कामना भी करेंगे।
22 जनवरी देश के लिए भावुक पल होगा, भावुक दिन होगा और ऐसे में हम सबकी इच्छा है कि हम सब अयोध्या जाएं और उन पलों के साक्षी बनें, लेकिन प्रधानमंत्री ने अपील की है कि, उस दिन हम अयोध्या ना जाएं, क्योंकि उस दिन भारी भीड़ होगी और वैसे में व्यवस्था बनी रहे इसलिए प्रभु श्रीराम के दर्शन करने बाद में जाएं। और इसलिए इस खास दिन में वह ओरछा रामराजा लोक में पूजा-अर्चना करेंगे।
रामराजा मंदिर मध्य प्रदेश के ओरछा नगर में स्थित पवित्र हिंदू तीर्थ स्थल है। नियमित रूप से बड़ी संख्या में रामभक्त यहां पहुंचकर दर्शन करते हैं। मकर संक्रांति, बसंत पंचमी, शिवरात्रि, रामनवमी, कार्तिक पूर्णिमा और विवाह पंचमी जैसे कुछ महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों के दौरान ओरछा आने वाले भक्तों की संख्या हजारों में होती है।
यह भारत का एकमात्र मंदिर है जहां भगवान राम की पूजा एक राजा के रूप में की जाती है और वह भी एक महल में। हर दिन गार्ड ऑफ ऑनर आयोजित किया जाता है। राजा की तरह पुलिसकर्मियों को मंदिर में गार्ड के रूप में नियुक्त किया जाता है। मंदिर में भगवान को दिया जाने वाला भोजन और अन्य सुविधाएं शाही भोजन है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि भगवान राम अपने दाहिने हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में ढाल रखते हैं। श्री राम पद्मासन में बैठे हैं, उनका बायां पैर उनकी दाहिनी जांघ के ऊपर है।
ओरछा के राजा मधुकर शाह जू देव (1554 से 1592) बृंदावन के बांके बिहारी (भगवान कृष्ण) के भक्त थे जबकि उनकी पत्नी रानी गणेश कुँवरि (गणेश कुँवरि), जिन्हें कमला देवी भी कहा जाता है, भगवान राम की भक्त थीं। महारानी अयोध्या से 8 माह 28 दिन पैदल चलकर भगवान राम को ओरछा लेकर आई थीं। महारानी की रसोई में भगवान राम के बाल स्वरुप को स्थापित किया गया था तब से वे यहीं हैं। मध्यप्रदेश सरकार अब यहाँ रामराजा लोक का निर्माण कर रही है। जल्द ही यहाँ 12 एकड़ में भव्य रामराजा लोक बनकर तैयार होगा।
और खास बात यह भी है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ही रामराजा लोक का भूमिपूजन किया था। और अब जब डॉ. मोहन यादव मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे, तब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ओरछा में राजा राम की शरण में रहेंगे। मान्यता के मुताबिक जब दिन में अयोध्या में राम बाल स्वरूप में विराजेंगे, तब राजा के रूप में राम, रानी सीता और दरबार सहित ओरछा में रहेंगे। और वैसे तो आस्था यही कहती है कि कण-कण में राम विद्यमान हैं।
कौशल किशोर चतुर्वेदी
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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