 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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केरल के कोल्लम जिले में स्थित श्री कोत्तानकुलांगरा देवी मंदिर एक अनोखा मंदिर है जहां पुरुषों का प्रवेश करने पर रोक होती है और महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने के लिए पुरुषों की पहनावे की जरूरत होती है। यह मंदिर देशभर में अपनी अनोखी प्रथा के लिए प्रसिद्ध है।
इस मंदिर का नाम "श्री कोत्तानकुलांगरा देवी मंदिर" है और यह मंदिर प्रमुखतः महिला देवी को समर्पित है। मंदिर में पुरुषों को प्रवेश करने पर रोक लगाई जाती है, लेकिन महिलाओं और किन्नरों को प्रवेश करने की अनुमति होती है। इसलिए पुरुषों को मंदिर में प्रवेश करने के लिए महिलाओं की पहनावे में आना पड़ता है।
श्री कोत्तानकुलांगरा देवी मंदिर के आस-पास के क्षेत्र में हर साल चाम्याविलक्कू नामक त्योहार मनाया जाता है, जिसमें हजारों पुरुष भक्त आते हैं। इस त्योहार के दौरान पुरुष भक्तों को महिलाओं की तरह श्रृंगार करना पड़ता है। उन्हें मंदिर में अलग से मेकअप रूम भी उपलब्ध होता है जहां वे महिलाओं की तरह साड़ी पहनते हैं, श्रृंगार करते हैं और बालों में गजरा लगाते हैं।
इस मंदिर की एक और विशेषता यह है कि इसके गर्भगृह के ऊपर छत और कलश नहीं हैं। यह एकमात्र मंदिर है जिसमें देवी की मूर्ति सीधे प्रकट हुई है। मान्यता है कि इस मंदिर में पहले पत्थर पर नारियल फोड़ रहे थे और इसी क्रिया के दौरान पत्थर से खून निकलने लगा। इस घटना के बाद से उसे देवी का स्थान मान्यता मिली और उसे पूजा की जाने लगी।
यह मंदिर देवी भक्तों के बीच बहुत प्रसिद्ध है और इसकी अनोखी प्रथा धार्मिक एवं सामाजिक विचारधारा की एक प्रतीक है। यह एक अद्वितीय स्थान है जहां पुरुषों को महिलाओं की पहनावे में आकर अपनी भक्ति प्रकट करनी पड़ती है।
 
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