 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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घर की सुख-शांति हेतु:-
कभी-कभी घर में आपसी झगड़े व मतभेद की बातें सुनने को मिलती है, यह झगड़े पति-पत्नी, पिता-पुत्र या भाई-भाई में हो जाने से घर का वातावरण अशांत और कलहपूर्ण हो जाता है।
एक घुमक्कड़ साधु ने इसके लिए कुछ प्रयोग बताये हैं। जिनमें से कोई भी प्रयोग अपनी सुविधानुसार किया जा सकता है। इससे पारिवारिक कलह शांत हो जाती है और घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है।
1. नित्य प्रातः उठकर बिना स्नान किये बिना ब्रश किये एक रोटी अपने हाथों से पकाकर तेल से चुपड़ कर काले कुत्ते को खिला देनी चाहिए, इसके बाद ही नित्य कर्म सम्पन्न करने चाहिए।
2. घर में दक्षिणावर्ती शंख स्थापित करें, रात्रि को उसमें जल भर रख दें तथा प्रातः काल उस जल को पूरे घर में छिड़क दें।
3. प्रत्येक शनिवार को तेल में बड़े बनाकर आकाश में उड़ती हुई चीलों को खिलाने चाहिये प्रत्येक शनिवार को लगभग एक किलो बड़े पकाकर खिलाने चाहिए और इस प्रकार सोलह शनिवार तक करना चाहिये।
घर में तीन अंगुल ऊँचा पारद शिवलिंग स्थापित करना चाहिए। नित्य प्रातः इस शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए और 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का कम से कम 11 बार पाठ करना चाहिए।
जहाँ बन्दर ज्यादा हों, वहाँ प्रत्येक मंगलवार को पाँच किलो चने ले जाकर उन्हें खिलाने चाहिए, इस प्रकार सोलह मंगलवार तक करने का विधान है। घर में शूकर दन्त बांध देना चाहिए यह शूकर दन्त मुख्य द्वार के ऊपर चौखट पर बाँधना चाहिये, उसके नीचे से निकलने और आने से घर में सुख शांति बनी रहती है।
जब कसाई किसी बकरे को काटने ही वाला हो उसी क्षण कसाई को उस बकरे का मूल्य देकर उस बकरे को बचा लेना चाहिए और ऐसे स्थान पर छोड़ देना चाहिये जहाँ उस बकरे की हत्या न हो सके।
नित्य 'राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करना चाहिये। पूर्ण लाभ के लिए यह पाठ नियमित रूप से 40 दिन तक करना चाहिये।
 
                                मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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