Published By:धर्म पुराण डेस्क

जेनेटिक शुगर के लिए रामबाण है ये घरेलू उपाय और योगासन

अगर आपको लगता है कि आपके माता-पिता को डायबिटीज है तो आपको भी हो जाएगी तो ऐसे में ये योगासन और घरेलू उपाय कारगर साबित हो सकते हैं।

यह बिल्कुल जरूरी नहीं है कि डायबिटीज सिर्फ जेनेटिक कारणों से ही होती हो।

जेनेटिक कारण: डायबिटीज किसी पारिवारिक प्रवृत्ति से प्रभावित हो सकती है, जिसका मतलब है कि जिनके परिवार में पहले से ही डायबिटीज है, उनकी संभावना डायबिटीज को पाने में बढ़ सकती है। यह मुख्य रूप से प्रकार 2 डायबिटीज के लिए सत्य होता है।

अन्य कारण: डायबिटीज को जेनेटिक प्रवृत्ति के अलावा भी कई अन्य कारणों से व्यक्ति को प्राप्त हो सकती है, जैसे कि खानपान की गलतियां, असमय में खाने-पीने की आदतें, अधिक वजन, अल्कोहल की अधिक खपत, कुछ दवाओं के सेवन का परिणाम, आदि।

डायबिटीज प्रकार: जेनेटिक प्रवृत्ति के आधार पर, डायबिटीज को दो प्रमुख प्रकारों में बाँटा जा सकता है - प्रकार 1 डायबिटीज और प्रकार 2 डायबिटीज। प्रकार 1 डायबिटीज आमतौर पर जेनेटिक होती है, जबकि प्रकार 2 डायबिटीज का कारण जेनेटिक प्रवृत्ति के साथ-साथ जीवनशैली के कारण भी हो सकता है।

माता-पिता या परिवार के किसी सदस्य में डायबिटीज होने पर यह समझना महत्वपूर्ण है कि जेनेटिक शुगर के लिए खुद को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए वोम गुरु ने कुछ योगासन और घरेलू उपाय बताए हैं, जो निम्नलिखित हैं:

वृक्षासन (Tree Pose): यह आसन शरीर की लंबाई और रीढ़ की मजबूती को बढ़ाता है। इससे हृदय को सुदृढ़ करने में भी मदद मिलती है।

भुजंगासन (Cobra Pose): यह आसन पीठ और कंधों को मजबूत बनाता है और पेट की मांसपेशियों को तंदूरुस्त रखता है।

पवनमुक्तासन (Wind-Relieving Pose): यह आसन पेट के गैस और एसिडिटी को कम करने में मदद करता है और पाचन तंत्र को सुधारता है।

शलभासन (Locust Pose): यह आसन पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है और नीचे की रीढ़ की सेंसिटिविटी को कम करता है।

इन योगासनों को नियमित रूप से करने से शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। साथ ही, स्वस्थ आहार लेने और नियमित व्यायाम करने से भी शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

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