Published By:धर्म पुराण डेस्क

ये लोग दिन-रात पैसों के चक्कर में रहते है

यदि सूर्य पर्वत अशुभ हो तो जातक दोषी होता है। सूर्य पर्वत और बुध पर्वत की संयुक्त उभार की स्थिति में योग्यता, चतुराई और निर्णय लेने की शक्ति अधिक होती है। 

यदि सूर्य पर्वत अशुभ हो तो जातक दोषी होता है। सूर्य पर्वत और बुध पर्वत की संयुक्त उभार स्थिति में योग्यता, चतुराई और निर्णय लेने की शक्ति अधिक होती है। ऐसा व्यक्ति महान वक्ता, सफल व्यवसायी या उच्च पदों पर आसीन प्रशासक होता है। 

ऐसे व्यक्तियों में धन प्राप्त करने की असीमित महत्वाकांक्षा होती है। यदि हथेली में सूर्य पर्वत के साथ गुरु पर्वत भी उच्च का हो तो व्यक्ति विद्वान, गुणी और धार्मिक होता है। सूर्य अनामिका के मूल में स्थित है। सूर्य का उभार जितना बड़ा होगा, प्रभाव उतना ही अधिक होगा। 

यदि सूर्य पर्वत अच्छा हो, चिकनी सूर्य रेखा के साथ स्पष्ट हो, तो व्यक्ति एक अच्छा प्रशासक, पुलिसकर्मी, सफल व्यवसायी होता है। यदि पर्वत अधिक फैला हुआ हो और रेखा कटी या टूटी हुई हो तो जातक अभिमानी, स्वार्थी, क्रूर, कंजूस और अनिर्णायक होता है। 

यदि हथेली में सूर्य पर्वत का झुकाव शनि की ओर हो तो व्यक्ति न्यायी और सफल वकील होता है। यदि सूर्य और शुक्र उभार लिए हुए हों तो व्यक्ति विपरीत लिंग पर शीघ्र और स्थायी प्रभाव डालने वाला, धनवान, परोपकारी, सफल प्रशासक, सुंदर और विलासी होता है। 

यदि सूर्य पर्वत पर जाली स्थित हो तो वह अभिमानी होता है लेकिन विकृत स्वभाव का होता है। ऐसा व्यक्ति किसी पर विश्वास नहीं करता। तारे का चिन्ह होने पर धन की हानि होती है, लेकिन प्रसिद्धि अप्रत्याशित रूप से आती है। 

गुणन का चिन्ह हो तो सट्टा या शेयर ​​में धन का नाश हो सकता है। यदि सूर्य पर्वत पर त्रिकोण हो तो व्यक्ति को उच्च पद, प्रतिष्ठा और प्रशासनिक लाभ प्राप्त होता है। यदि सूर्य पर्वत पर वर्ग हो तो हर जगह लाभ और सफलता मिलती है।


 

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