 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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मन्नारशाला नाग मंदिर का इतिहास और निर्माण किसने और क्यों किया गया है, इसके बारे में कुछ निश्चित जानकारी नहीं है। हालांकि, यह मंदिर केरल के अलाप्पुज्हा शहर से थोड़ी दूरी पर स्थित है और इसे एक रहस्यमयी स्थान माना जाता है।
मंदिर की विशेषता उसकी बड़ी संख्या में नाग प्रतिमाओं में है, जहां लगभग 30,000 से अधिक नाग प्रतिमाएं हैं। यहां नागराज और नागयक्षी को समर्पित मंदिर है और यहां परिवारों द्वारा निःसंतानता के लिए हल्दी से बनी नाग प्रतिमाओं की पूजा की जाती है।
मंदिर का ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण होने के कारण, इसे पौराणिक कथाओं से जोड़ा जाता है। कथाओं के अनुसार, पांडवों द्वारा नागों के बसे होने वाले वन को जलाया जा सकता है और उसके पश्चात् इन नागों ने केरल में अपना आश्रय लिया।
इस मंदिर के प्राचीन परंपराओं में, मन्नारशाला मंदिर परिसर में रहने वाले नम्बूदिरी परिवार के सदस्य द्वारा पूजा का पालन किया जाता है। इस परिवार की बहू ही मंदिर में पूजा आदि का कार्य संभालती है और उन्हें "अम्मा" कहा जाता है। इस परिवार की एक स्त्री के गर्भ से नागराज का जन्म हुआ था और उसी की प्रतिमा मंदिर में स्थापित है।
मन्नारशाला मंदिर, जिसे भी मन्नारशाला नाग मंदिर के नाम से जाना जाता है, केरल राज्य के एक प्रमुख पूजा स्थलों में से एक है। यह मंदिर अलाप्पुझा शहर से लगभग 32 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। मन्नारशाला नाग मंदिर के प्रमुख देवता नागराज (नागेश्वर) हैं, जिन्हें नागयक्षी सहित पूजा जाती है।
यह मंदिर अपनी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है, जहां आपको बड़ी संख्या में नाग प्रतिमाएं देखने को मिलेगी। अनुमान के अनुसार, इस मंदिर में लगभग 30,000 से अधिक नाग प्रतिमाएं हो सकती हैं। यहां परिवारों द्वारा निःसंतानता के लिए हल्दी से बनी नाग प्रतिमाओं की पूजा की जाती है।
मन्नारशाला मंदिर का निर्माण काल और निर्माता के बारे में निश्चित जानकारी मेरे पास उपलब्ध नहीं है। हालांकि, इसे पौराणिक कथाओं के साथ जोड़ा जाता है। कथाओं के अनुसार, पांडवों द्वारा नागों के बसे होने वाले वन को जलाया जा सकता था, और इन नागों ने उसके बाद केरल में मन्नारशाला में अपनी स्थापना की।
मन्नारशाला मंदिर के पास एक प्राकृतिक सरोवर भी है, जिसे मन्नारशाला ताल (Mannarasala Lake) के नाम से जाना जाता है। यह सरोवर मंदिर के पुजारी एवं प्रशासनिक कर्मचारियों द्वारा प्रबंधित होता है।
मन्नारशाला मंदिर पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय स्थल है, जहां वे नागराज की पूजा और आराधना कर सकते हैं और इस प्रकार के पौराणिक महत्वपूर्ण स्थल का आनंद ले सकते हैं।
 
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