Published By:धर्म पुराण डेस्क

नागिनी साधना करें या नहीं करें?

डामर या भूत डामर साधनाएँ शास्त्रों में आभिचारिक साधनाएँ कही जाती हैं। 

आभिचारिक (डामर आदि) साधनाएँ घोर तामसी साधनाएँ होती हैं। इन साधनाओं से शक्ति प्राप्त कर लेने वाला साधक अपने को संभाल नहीं पाता और प्राप्त शक्ति का दुरुपयोग करने लगता है और फिर इनका अन्त बहुत दुख होता है|

पहले तो साधक जगहित की कामना करता है, परन्तु साधना की सफलता के परिणाम स्वरूप शक्ति प्राप्त हो जाने पर जगहित भूल जाता है।

यदि वास्तव में जगहित की इच्छा हो, तो भगवान शिव की आराधना करें। इससे साधक और जग-दोनों का ही कल्याण होगा इसमें कोई भी खतरा नहीं है।

नागिन साधना कौन नहीं कर सकता?

यदि साधक पत्नी होकर आने वाली किसी नागिनी को बुलाता है और उसके पश्चात किसी नारी से पत्नीवत् व्यवहार करता है, तो उस साधक की भयानक दर्दनाक मृत्यु हो जाती है, भले ही साधक की ब्याहता पत्नी हो, उसे त्यागना होगा। अतः गृहस्थों को यह साधना नहीं करनी चाहिए।


 

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