Published By:धर्म पुराण डेस्क

विनायक चतुर्थी पर व्यापार वृद्धि के लिए मध्यान्ह में इस मुहूर्त में करें गणेश पूजन 

गणेश पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त ..

भोपाल. हर माह में दो चतुर्थी तिथि होती है जो कि गणेशजी की पूजा को समर्पित रहती हैं। इस दिन व्रत रखकर गणेश पूजा का विधान है. 

माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन विनायक चतुर्थी मनाई जाती है जबकि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। 

विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस तरह अमावस्या के बाद वाली चतुर्थी तिथि विनायक चतुर्थी और पूर्णिमा के बाद वाली चतुर्थी तिथि संकष्टी चतुर्थी होती है। 

माह की इन दोनों चतुर्थी तिथियों का अलग अलग महत्व है।

चतुर्थी तिथि यानी चौथ के देवता माने जाते हैं शिवपुत्र गणेशजी। 

मान्यता है कि भाद्र माह की विनायक चतुर्थी के दिन ही भगवान विनायक अर्थात गणेशजी का जन्म हुआ था। यही कारण है कि गणेश चतुर्थी के दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है. इससे आगामी संकट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। 

विनायक चतुर्थी पर गणेश पूजा दोपहर में की जाती है। सावन में 1 अगस्त सोमवार को विनायक चतुर्थी पड़ रही है. इस तरह सोमवार को भगवान शिव और गणेशजी की साथ ही पूजा-अर्चना की जाएगी. 

सावन का महीना शिव परिवार की पूजा के लिए बहुत लाभकारी माना गया है. इस दिन व्रत रखकर आप शिवजी के साथ गणेशजी का भी आशीर्वाद पा सकेंगे.

विनायक चतुर्थी मुहूर्त ..

01 अगस्त सोमवार को विनायक चतुर्थी तिथि प्रात: 04 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 02 अगस्त मंगलवार को प्रात: 05 बजकर 13 मिनट तक रहेगी. इस दिन गणेश पूजा का शुभ समय सुबह 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 48 मिनट के बीच का है. 

इस दौरान पूजा करने से गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है. गणेशजी मुख्यत: व्यापार के कारक देव हैं। उनके आशीर्वाद से व्यापार वृद्धि होती है और सुख-समृद्धि भी आती है।


 

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