 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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जन्म कुंडली में शनि ग्रह अशुभ प्रभाव में होने पर व्यक्ति को निर्धन, आलसी, दुखी, कम शक्तिवान, व्यापार में हानि उठाने वाला, नशीले पदार्थों का सेवन करने वाला, अल्पायु निराशावादी, जुआरी, कान का रोगी, कब्ज का रोगी, जोड़ों के दर्द से पीड़ित, वहमी, उदासीन, नास्तिक, बेईमान, तिरस्कृत, कपटी, अधार्मिक तथा मुकदमे व चुनावों में पराजित होने वाला बनाता है।
वास्तुशास्त्री एवं ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार जिनकी कुंडली में शनि अशुभ है या जन्म कुंडली में शनि ग्रह अशुभ प्रभाव में होने पर व्यक्ति को निर्धन हो जाये, हर समय आलसी रहे, दुःखी, कम शक्तिवान, बार बार व्यापार में हानि उठाने वाला, जब शनि अशुभ फल देता है तो जातक नशीले पदार्थों का सेवन करने वाला बन जाता है, उसका दिमाग अच्छे कार्यों को नहीं करता जिसके कारण उसे जुआ खेलने, मैच में सट्टा लगाने या खाने वाला बन जाता है, ऐसे जातक को कब्ज का रोगी, जोड़ों में दर्द से पीड़ित, वहमी, नास्तिक या बुरे कर्मों को करने वाला, बेईमान- धोखेबाज तिरस्कृत और अधर्मी बनता है, ऐसे जातक निम्न उपाय करें ..
अशुभ शनि ग्रह का उपाय के निवारण हेतु ये प्रयोग/उपाय करें—-
वास्तुशास्त्री एवं ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार एक समय में केवल एक ही उपाय करें. उपाय कम से कम 40 दिन और अधिक से अधिक 43 दिनों तक करें. यदि किसी कारणवश अवरोध/गेप/नागा हो तो फिर से प्रारंभ करें, यदि कोई उपाय नहीं कर सकता तो परिवार/खून का रिश्तेदार ( भाई, पिता, पुत्र इत्यादि) भी कर सकता है.–
— ऐसे जातक को मांस, मदिरा, बीड़ी- सिगरेट नशीला पदार्थ आदि का सेवन न करे।
— हनुमान जी की पूजा करें एवं बजरंग बाण का पाठ करें।
— पीपल को जल दे अगर ज्यादा ही शनि परेशां करे तो शनिवार के दिन शमशान घाट या नदी के किनारे पीपल का पेड़ लगाये।
— सवा किलो सरसों का तेल किसी मिट्टी के कुल्डह में भरकर काला कपड़ा बांधकर किसी को दान दे दें या नदी के किनारे भूमि में दबाये।
— शनि के मंत्र का प्रतिदिन 108 बार पाठ करें। मंत्र है ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः। या शनिवार को शनि मंत्र ॐ शनैश्चराय नम का 23,000 जाप करें।
— उड़द के आटे के 108 गोली बनाकर मछलियों को खिलाने से लाभ होगा।
— बरगद के पेड की जड में गाय का कच्चा दूध चढ़ाकर उस मिट्टी से तिलक करे तो शनि अपना अशुभ प्रभाव नहीं देगा।
— श्रद्धा भाव से काले घोड़े की नाल या नाव की कील का छल्ला मध्यमा अंगुली में धारण करें या शनिवार सरसों के तेल की मालिश करें।
— शनिवार को शनि ग्रह की वस्तुओं का दान करें, शनि ग्रह की वस्तुएं हैं, काला उड़द, चमड़े का जूता, नमक, सरसों तेल, तेल, नीलम, काले तिल, लोहे से बनी वस्तुएं, काला कपड़ा आदि।
— शनिवार के दिन पीपल वृक्ष की जड़ पर तिल या सरसों के तेल का दीपक जलाएँ।
— गरीबों, वृद्धों एवं नौकरों के प्रति अपमानजनक व्यवहार नहीं करना चाहिए।
— शनिवार को साबुत उड़द किसी भिखारी को दान करें. या पक्षियों को (कौए) खाने के लिए डाले।
— ताऊ एवं चाचा से झगड़ा करने एवं किसी भी मेहनत करने वाले व्यक्ति को कष्ट देने, अपशब्द कहने से कुछ लोग मकान एवं दुकान किराये से लेने के बाद खाली नहीं करते अथवा उसके बदले पैसा माँगते हैं तो शनि अशुभ फल देने लगता है।
— शनि ग्रह के तांत्रिक मंत्र का प्रतिदिन 108 बार पाठ करें। मंत्र है क्क प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः। शनि मन्त्र के अनुष्ठान की मन्त्र जाप संख्या है 23,000 है।
— शनि ग्रह का यंत्र गले में धारण करें।
— शनि ग्रह का यंत्र अपने पूजा स्थल अथवा घर के मुख्य द्वार पर स्थापित करें।
— शनि ग्रह की वस्तुओं का दान करें। शनि ग्रह की वस्तुएं हैं काला उड़द, तेल, नीलम, काले तिल, कुलथी, लोहा तथा लोहे से बनी वस्तुएं, काला कपड़ा, सुरमा आदि।
— शनिवार को कीड़े-मकोड़ों को काले तिल डालें।
— शनिवार को काली माह (काले उड़द) की दाल पीस कर उसके आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं।
— शनिवार को श्मशान घाट में लकड़ी दान करें।
— सात शनिवार सरसों का तेल सारे शरीर में लगाकर और मालिश करके साबुन से नहाए।
— शनिवार को शनि ग्रह की वस्तुएं न दान में लें और न ही बाजार से खरीदें।
— सात शनिवार को सात बादाम तथा काले उड़द की दाल धर्म स्थान में दान करें।
— बहते पानी में रोजाना नारियल बहाएं। या किसी बर्तन में तेल लेकर उसमे अपना क्षाया देखें और बर्तन तेल के साथ दान करें. क्योंकि शनि देव तेल के दान से अधिक प्रसन्न होते है।
— अपना कर्म ठीक रखे तभी भाग्य आप का साथ देगा और कर्म कैसे ठीक होगा इसके लिए आप मंदिर में प्रतिदिन दर्शन के लिए जाएं. माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करे,अपने धर्म का पालन करे।
— भाई बंधुओं से अच्छे संबंध बनाकर रखें, पितरों का श्राद्ध करें. या प्रत्येक अमावस्या को पितरों के निमित्त मंदिर में दान करें, गाय और कुत्ता पालें, यदि किसी कारणवश कुत्ता मर जाए तो दोबारा कुत्ता पालें. अगर घर में ना पाल सके तो बाहर ही उसकी सेवा करें।
— यदि संतान बाधा हो तो कुत्तों को रोटी खिलाने से घर में बड़ो के आशीर्वाद लेने से और उनकी सेवा करने से संतान सुख की प्राप्ति होगी.
— गौ ग्रास. रोज भोजन करते समय परोसी गयी थाली में से एक हिस्सा गाय को, एक हिस्सा कुत्ते को एवं एक हिस्सा कौए को खिलाएं आप के घर में हमेशा बरकत रहेगी।
— सपेरे को सांप को दूध पिलाने के लिए पैसे दान करें।
— सुबह/प्रातःकाल घर में रोटी बनाकर काली गाय या काले कुत्ते को खिलाएं।
 
 
                                मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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