 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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घर में सुबह और शाम को दीपक जलाना एक आदर्श धार्मिक परंपरा है जो न केवल धार्मिकता को बढ़ावा देती है, बल्कि इससे वास्तु दोषों को दूर करने में मदद करती है और सकारात्मकता को बढ़ावा देती है। यहां उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के सुझाव दिए जा रहे हैं:
नियमित दीपक जलाना: रोज सुबह-शाम मुख्य द्वार के पास दीपक जलाएं। इससे घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है और वास्तु दोष दूर होते हैं।
दीपक के स्थान का ध्यान: शाम के समय मुख्य द्वार के पास दीपक लगाना चाहिए। यह दीपक नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश को रोकता है और सुख-शांति का वातावरण बनाए रखता है।
दीपक जलाने की मंत्र जप: दीपक जलाते समय "शुभम करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्, शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते।" इस मंत्र का जाप करें। इससे सुख, समृद्धि, आरोग्य, और बुद्धि की वृद्धि होती है।
दीपक का तेल चयन: पूजा में घी का दीपक बाएं हाथ की ओर जलाना चाहिए, जबकि तेल का दीपक दाएं हाथ की ओर रखना चाहिए।
दीपक में उपयुक्त सामग्री: घी के दीपक के लिए सफेद रुई की बत्ती और तेल के दीपक के लिए लाल धागे की बत्ती उपयोग करें। खंडित दीपक का जलाना बरतें।
ध्यानपूर्वक दीपक जलाएं: दीपक जलाते समय ध्यानपूर्वक और भक्तिभाव से जलाएं, ताकि आपकी पूजा सकारात्मकता भरी हो।
इन सुझावों का अनुसरण करके आप दीपक जलाने की परंपरा को अपना सकते हैं और अपने घर में सकारात्मकता और शांति का माहौल बना सकते हैं।
 
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