Published By:धर्म पुराण डेस्क

महालक्ष्मी मंदिर की अनोखी प्रथा 

मध्य प्रदेश के रतलाम शहर में स्थित माता महालक्ष्मी मंदिर यहां भक्तों को प्रसाद के रूप में सोने और चांदी के आभूषण दिए जाते हैं। यह मंदिर धनतेरस के दिन ही अपने द्वार खोलता है। इसके बाद 5 दिनों तक माता महालक्ष्मी की विशेष पूजा और उत्सव की जाती है। भक्त अपनी आय का दोगुना होने की कामना करके और घर में सुख-समृद्धि के लिए आभूषण और सोने-चांदी का आदान-प्रदान करके इस पवित्र स्थान के दर्शन करते हैं।

माता महालक्ष्मी के मंदिर की धूमधाम सजावट भी दीपावली के अवसर पर आकर्षक होती है। यहां पूरे मंदिर को विशेष ढंग से सजाया जाता है, जिससे दर्शनार्थी के मुंह खुले रह जाते हैं। 

इस मंदिर की सजावट की कीमत लाखों रुपये तक पहुंचती है। इस अनोखे सजावट को देखकर भक्त अपनी आस्था का व्यक्तिगत दान देते हैं, जिसके बाद उन्हें एक रसीद मिलती है और धन और आभूषण को वापस भी कर दिया जाता है। यह मान्यता है कि ऐसा करने से उनकी आय चौगुनी बढ़ जाती है।

इस मंदिर की अनोखी बात यह है कि यहां प्रसाद में मिठाई की जगह सोने, चांदी और अन्य प्रमुख आभूषण होते हैं। इसलिए इसे प्राप्त करने के लिए भक्तों का तांता लगता है। लोग यहां पर आने वाले आभूषण को खरीदने की जगह नहीं बनाते हैं, बल्कि उन्हें तिजोरी में सुरक्षित रखा जाता है। ऐसा करने से उन्हें धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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