उत्तराखंड का सौंदर्य, धार्मिकता, और रहस्यमय स्थलों का अन्वेषण
1. काशी विश्वनाथ मंदिर-
उत्तराखंड की धरती पर विराजमान भगवान काशी विश्वनाथ का स्वयंभू शिवलिंग पावन है।
स्कन्द पुराण में उल्लिखित रहस्यमय त्रिशूल से युक्त शक्ति मंदिर में है, जो भूतल तक व्यापी है।
2. गंगोत्री और यमुनोत्री-
उत्तराखण्ड में गंगा और यमुना के उद्गम स्थल, गंगोत्री और यमुनोत्री, पवित्र धाम हैं।
यमुनोत्री का सम्बन्ध महाभारत के युद्ध क्षेत्र से है, जहां यमुना ने धरा पर अपनी धारा बहाई थी।
3. चमोली जनपद-
चमोली जनपद में प्रमुख धामों में केदारनाथ, बद्रीनाथ, हेमकुंड, और तुंगनाथ शामिल हैं।
बद्रीनाथ का सम्बन्ध महाभारत से है, जहां पांडवों ने महाभारत के युद्ध के बाद भगवान शिव से दर्शन किए थे।
4. कैलाश क्षेत्र-
मांसूरी मार्ग पर पांडवों का लाखा मण्डल स्थित है, जिसमें पांडवों का लाखा (लाक्षागृह) है।
यहां के पारद शिव लिंग में दर्शक को अपना प्रतिबिंब दिखाई पड़ता है।
5. शालिग्राम शिला और पुरोला गवती-
शालिग्राम शिला से वन्यजीवों का उत्थान एवं संरक्षण किया जाता है।
पुरोला गवती में पार्वती मैया का स्थान है, जहां के मंदिर देवदारु की लकड़ी से निर्मित हैं।
6. सपोकार और एक पौधा-
सपोकार में सर्प, सिंह, कस्तूरी मृग दिख ही जाते हैं, जो इस क्षेत्र की अनूठी प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाते हैं।
केदारनाथ के मार्ग के ऊँचे पर्वत पर सर्प के आकार की वनस्पति उगती है, जो इस क्षेत्र की विशेषता को दर्शाती है।
उत्तराखंड का समृद्धि भरा विवरण, यहां के धार्मिक स्थलों और प्राकृतिक सौंदर्य से युक्त होकर एक आध्यात्मिक आत्माभिमान की अनुभूति करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।
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