Published By:धर्म पुराण डेस्क

प्राणवान पंक्तियाँ: उत्साह और संघर्ष की रहस्यमयी कहानियाँ

बच्चों के जीवन में उत्साह और संघर्ष की राहों में उन्हें प्रेरित करने के लिए अनगिनत प्राणवान सूक्तियाँ हैं। ये सूक्तियाँ मानो उनके मन की आवाज़ होती हैं, जो उन्हें आगे बढ़ने की दिशा में मार्गदर्शन करती हैं।

1. "जहाजों से जो टकराए, उसे तूफान कहते हैं। 

तूफानों से जो टकराए, उसे इंसान कहते हैं।"

यह सूक्ति हमें यह सिखाती है कि जीवन में आने वाली मुश्किलातों को साहस से सामना करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

2. "हमें रोक सके, ये ज़माने में दम नहीं। 

हमसे है ज़माना, ज़माने से हम नहीं।"

इस सूक्ति में हमें अपनी अद्वितीयता और महत्व को समझाया गया है। हमें आत्मसमर्पण के साथ आगे बढ़ना चाहिए, बिना उच्चायित होने के।

3. "बाधाएं कब रोक सकी है, आगे बढ़ने वालों को। 

विपदाएँ कब रोक सकी है, पथ पे बढ़ने वालों को।"

इस सूक्ति से हमें सीख मिलती है कि मुश्किलों और विपत्तियों का सामना करना जीवन का हिस्सा है, और हमें उनसे डरकर नहीं पीछे हटना चाहिए।

4. "जो बीत गयी सो बीत गयी, तकदीर का शिकवा कौन करे। 

जो तीर कमान से निकल गयी, उस तीर का पीछा कौन करे।"

यह सूक्ति हमें यह सिखाती है कि हमें अपने अतीत की परवाह नहीं करनी चाहिए और समय की मौज में आगे बढ़ना चाहिए।

5. "अपने दुःख में रोने वाले, मुस्कुराना सीख ले। 

दूसरों के दुःख दर्द में आँसू बहाना सीख ले।"

यह सूक्ति हमें दूसरों के दुःख में सहानुभूति और उनकी मदद करने की महत्वपूर्णता को समझाती है।

6. "खून पसीना बहाता जा, तान के चादर सोता जा। 

यह नाव तो हिलती जायेगी, तू हँसता जा या रोता जा।"

इस सूक्ति से हमें मेहनत करने की महत्वपूर्णता और संघर्ष के माध्यम से जनजीवन को उत्कृष्टता की ओर ले जाने की प्रेरणा मिलती है।

7. "खुदी को कर बुलन्द इतना कि हर तकदीर से पहले। 

खुदा बन्दे से ये पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।"

इस सूक्ति में हमें आत्म-विश्वास की महत्वपूर्णता और खुदा के सामने अपने कर्मों की जिम्मेदारी को स्वीकारने की प्रेरणा मिलती है।

ये प्रेरणादायक सूक्तियाँ हमें उत्साह, संघर्ष, और सकारात्मकता के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं का सामना करने की कला सिखाती हैं।

धर्म जगत

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