Published By:धर्म पुराण डेस्क

व्यक्तित्व को विकसित करने के तरीके 

व्यक्तित्व विकास कैसे करें, पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के टिप्स, अपनी बातचीत का तरीका कैसे सुधारें.. 

व्यक्तित्व विकास का अर्थ-

आज हर कोई सुंदर लुभावना व आकर्षक दिखना चाहता है, सबके आकर्षण का केन्द्र बनकर प्रशंसा पाना चाहता है। कैसे अधिक सुन्दर दिखें यह सभी की इच्छा रहती है। इसके लिए हर कोई अपने व्यक्तित्व को निखारने के प्रति जागरूक व प्रयासरत रहता है।

केवल सुंदरता ही व्यक्तित्व की पहचान नहीं होती। हमारे व्यक्तित्व को कई बातें प्रभावित करती हैं। जैसे हमारा व्यवहार, रहन सहन, चाल ढाल, बातचीत का तौर तरीका, खान-पान, पहनावा आदि। 

पार्लर में आने वाले सभी ग्राहकों को उनके व्यक्तित्व में निखार लाने हेतु ये बातें जरूर बताएं तथा स्वयं भी इसका पालन करें।

चाल:-

* हमारी चाल सहज होनी चाहिए। कदम सधे हुए हो तथा चाल से आत्मविश्वास झलकना चाहिए।

* चाल तनी हुई हो। कंधे व पीठ झुकाकर नहीं चलना चाहिए।

* खड़े होते समय पैर ज्यादा नजदीक या फैलाकर नहीं रखने चाहिए।

बातचीत:-

* बातचीत के समय सहज, सामान्य एवं संयमित रहना चाहिए।

* बातचीत विषय से सम्बन्धित हो।

* जो भी बोलना हो सोच-समझकर बोलना चाहिए।

* अनर्गल वार्तालाप नहीं करना चाहिए।

* केवल अपनी-अपनी कहने के बजाय सामने वाले की बात भी सुननी चाहिए। ज्यादा जोर से बातचीत नहीं करनी चाहिए और ना ही ज्यादा जोर से हँसना चाहिए।

* किसी को नीचा दिखाने या अपमानित करने वाले शब्द नहीं बोलना चाहिए।

भोजन:-

* भोजन रोज नियत समय पर करना चाहिए। खान पान संयमित हो। सात्विक हो। अधिक तेल-मसाले का गरिष्ठ भोजन नहीं करना चाहिए।

* संतुलित व पोषक भोजन करना चाहिए।

* धीरे-धीरे चबा-चबाकर भोजन करना चाहिए।

* भोजन में मौसमी फल, दूध, दही, हरी सब्जी एवं दालें अवश्य लेना चाहिए। देर रात को भोजन करने की आदत से बचना चाहिए। रात को देर से भोजन करने से पाचन क्रिया प्रभावित होती है, जिससे हमारे व्यक्तित्व पर असर पड़ता है।

* नींद व थकान का भी चेहरे पर बहुत असर पड़ता है। हमारी नींद कम से कम 6 से 8 घंटे होनी चाहिए।

* अपने शरीर की जरूरत अनुसार नींद लें, जिससे स्फूर्ति व ताजगी बनी रहे।


 

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