एक महान लेखक ने लिखा है कि सफलता का एकमात्र साधन प्रभावशाली व्यक्तित्व है। इस कथन में अतिशयोक्ति प्रतीत नहीं होती है क्योंकि व्यक्तित्व यदि प्रभावशाली होता है, तो अन्य समस्त साधन अपने आप एकत्र हो जाते हैं।
प्रभावशाली व्यक्तित्व का निर्माण अनेक घटकों के समावेश से होता है। वर्तमान प्रतिस्पर्धा के युग में व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाने के लिए शिक्षण एवं प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाने लगा है। भारतीय ज्योतिष में प्रभावशाली व्यक्तित्व के निर्माण के लिए रत्नों का परामर्श दिया गया है। रत्न धारण करने से व्यक्ति का व्यक्तित्व अधिक प्रभावशाली एवं सम्मोहक हो जाता है।
भारतीय ज्योतिष में व्यक्तित्व के निर्माण का संबंध लग्न और लग्नेश से माना जाता है। लग्न पर यदि दूषित ग्रहों का प्रभाव हो, तो व्यक्ति का व्यक्तित्व प्रभावशाली नहीं होता है। इसी प्रकार यदि लग्नेश शुभ स्थिति में न हो अथवा निर्बल हो, तो भी व्यक्ति का व्यक्तित्व प्रभावशाली नहीं होता। ऐसी स्थिति में लग्नेश का रत्न धारण करने से व्यक्ति का व्यक्तित्व अधिक प्रभावशाली हो जाता है।
पाठकों की सुविधा के लिए लग्नेश और उनसे संबंधित रत्न और उपरत्न प्रस्तुत हैं-
लग्नेश सम्बन्धित रत्न और उपरल-
सूर्य- माणिक्य, सूर्यकान्त मणि, लाल तामडा, लाल अकीक आदि।
चन्द्र- मोती, चन्द्रकांत मणि।
मंगल- मूंगा, संगमूंगी, लाल जेस्पर, अम्बर कहरवा, लाल अकीक आदि।
बुध- पन्ना, फिरोजा एक्वामेरिन, हरा अकीक आदि।
गुरु- पुखराज, सुनहला, पीला अकीक, पीला जरकिन आदि।
शुक्र- हीरा, ओपल, सफेद जरकिन, सफेद तुरमुली, स्फटिक, नीला अकीक आदि।
लग्नेश का रत्न धारण करना न केवल व्यक्तित्व के प्रभावशाली बनाने हेतु वरन् आरोग्य प्राप्ति के लिए भी लाभदायक है।
शनि- नीलम, करहला, नीला लाजवर्त, नीला तापडा, नीली तुरमुली, नीला अकीक आदि।
व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाने के लिए टाइगर स्टोन भी अत्यंत लाभदायक है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह टाइगर के समान साहसी एवं चातुर्य पूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण करने में सहायक है। जो व्यक्ति अज्ञात भय से पीड़ित हैं, भीरु हैं, लोगों से मिलने में झिझकते हैं अथवा डरते हैं, अनजान व्यक्ति को फेस नहीं कर पाते हैं अथवा मंच पर जाने में डर लगता है, अंतर्मुखी व्यक्तित्व वाले होते हैं, तो ऐसे व्यक्तियों के लिए टाइगर स्टोन लाभदायक होता है। इसके धारण करने से व्यक्ति का व्यक्तित्व प्रभावशाली, सम्मोहक एवं नेतृत्व क्षमता से युक्त हो जाता है।
जिन व्यक्तियों को नेतृत्व करना हो अथवा जिन व्यक्तियों का कैरियर पब्लिक डीलिंग से जुड़ा हुआ हो अथवा जो व्यक्ति प्रशासनिक अधिकारी हैं अथवा बनना चाहते हैं, जो व्यक्ति राजनेता हैं अथवा राजनेता बनना चाहते हैं।
जो व्यक्ति उच्चाधिकारी हैं अथवा उच्चाधिकारी बनना चाहते हैं। उन व्यक्तियों के व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाने के लिए और उनमें नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए एलेक्जेंडर नामक रत्न अत्यंत उपयोगी है। ऐसी मान्यता है कि यह रत्न सिकन्दर के गुरु अरस्तु ने सिकंदर को पहनाया था। इस रत्न के धारण करने के पश्चात वह विश्व विजय के लिए निकला था और जीवन पर्यन्त अजेय रहा।
जिन व्यक्तियों को महिलाओं के समक्ष अपने व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाना है, तो ऐसे व्यक्तियों के लिए ब्लूटोपाज़ सर्वाधिक उपयुक्त रत्न है। ब्लूटोमाज़ के धारण से व्यक्ति का व्यक्तित्व न केवल प्रभावशाली बनता है वरन् सम्मोहक भी बनता है। ऐसे व्यक्ति की बातों को सभी लोग ध्यानपूर्वक सुनते हैं और उसके व्यक्तित्व से प्रभावित होते हैं।
रत्नों से व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाना प्राचीन काल से ही चला आ रहा है। प्राचीन काल में राजा-महाराजा रत्नों के द्वारा अपने व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाते थे। यह एक सर्वमान्य, अनुभाविक एवं सिद्ध पद्धति है।
-पंडित अविनाश शर्मा
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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