डायबिटीज एक अंग्रेजी शब्द है जिसे हिन्दी में मधुमेह रोग कहा जाता है।
डायबिटीज भारत में बहुत तेजी से फैल रहा है। मधुमेह एक ऐसा रोग है जिसमें रक्त के अंदर ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। इसमें इंसुलिन की उत्पत्ति कम होती है। जिससे कार्बोहाइड्रेट्स का पाचन ठीक से नहीं होता है।
कारण-
डायबिटीज का प्रमुख कारण इंसुलिन हार्मोन की कमी होना ही है क्योंकि इंसुलिन के अभाव में ग्लूकोज का ग्लाइकोजन के रूप में संचित 'नहीं हो पाता है। जिससे रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। रक्त में शर्करा का बढ़ जाना ही मधुमेह रोग कहलाता है।
डायबिटीज या मधुमेह होने के कारण मधुमेह रोग 50 से 60 वर्ष की उम्र के लोगों में जो, बैठकर काम करते हैं, उन्हें ज्यादा होता है।
मीठे पदार्थ ज्यादा लेना जैसे चीनी, शहद, शर्करायुक्त मिठाई अधिक मात्रा में खाना। खाद्य पदार्थ ज्यादा मात्रा में लेने से जैसे- आलू (चावल पॉलिश किये हुए), तले-भुने पदार्थ, वसा युक्त दुग्ध।
अधिक मोटापा, यदि माता-पिता दोनों में मधुमेह रोग रहा है। उनकी संतान में भी देखा गया है।
* अधिक धूम्रपान, मद्यपान, भांग, गांजा आदि।
* अधिक मानसिक तनाव के कारण।
* कुछ फल ज्यादा मात्रा में सेवन करने से जैसे- आम, अंगूर, केला।
लक्षण:-
* पेशाब ज्यादा मात्रा में और बार-बार होना।
* जल अधिक निकल जाने के कारण प्यास अधिक लगती है।
* शर्करा के अधिक निकल जाने के कारण भूख अधिक लगती है।
* शरीर में कमजोरी अधिक आना।
* शरीर के भार में कमी आना।
* घाव जल्दी ठीक न होना।
* कभी-कभी मसूड़े फूल जाते हैं।
* त्वचा में शुष्कता आने लगती है।
डायबिटीज से बचने के उपाय:-
सबसे पहले भोजन की चिकित्सा विशेष महत्व रखती है। यदि डायबिटीज रोग है तो सबसे पहले जो भोजन करें उसमें इतना कार्बोहाइड्रेट होना चाहिए कि वह शरीर में खप जाए और मूत्र से न निकले।
मूत्र की परीक्षा 2 महीने में एक बार करानी चाहिए। जिसके मूत्र में शर्करा प्रकट हो तो आहार तुरंत घटा देना चाहिए। कुछ चीजों को साधारण मात्रा में लिया जा सकता है जैसे- हरे पत्ते वाली सब्जियां, टमाटर, ककड़ी, गाजर का सूप, बटर मिल्क, शुगर फ्री चाय और कॉफी।
यदि आपको डायबिटीज ज्यादा मात्रा में हो तो इन वस्तुओं का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए।
करेला -
करेला डायबिटीज के लिए बहुत ही अच्छी औषधि के रूप में कार्य करता है। करेले का जूस बीजों सहित दिन में दो बार एक गिलास पीने से काफी आराम मिलता है।
सोयाबीन -
सोयाबीन किसी भी रूप में ले सकते हैं। सोयाबीन रक्त में शर्करा को कम करने का काम करती है।
जामुन -
प्राकृतिक चिकित्सक डॉ मुकेश चंद्र त्यागी के अनुसार जामुन- जामुन के फल डायबिटीज में बहुत लाभदायक है। मौसम के समय काफी मात्रा में ले सकते हैं।
मेथी -
बीज या पत्ते की सब्जी बनाकर ले सकते हैं। काफी फायदा होता है। चना दाल- चने की दाल या बेसन की रोटी खाने से लाभ मिलता है।
पनीर का प्रयोग अधिक करना चाहिए।
प्राकृतिक चिकित्सा-
मंडूकासन - मंडूकासन मधुमेह के लिए रामबाण है। मंडूकासन अग्नाशय में बनने वाली इंसुलिन को पाचन तंत्र में पचाने में सहायक होता है। पेनक्रियाज पर प्राणायाम का विशेष प्रभाव पड़ता है।
प्राणायाम करने से दो प्रकार का हार्मोन निकलता है -
पहला, पेनक्रिएटिक जूस डियोडेनम में आकर भोजन के साथ मिलता है। दूसरे प्रकार का हार्मोन 'इंसुलिन' के रूप में निकलता है जो ग्लूकोज को ग्लाइकोजन में बदलता है। इस कमी से ही मधुमेह रोग होता है। इस कमी को प्राणायाम द्वारा पूरा किया जा सकता है।
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