जीवन में अहंकार विष के समान सामने आता है, और यह सब कुछ नष्ट कर देता है इस अहंकार से बचना बहुत जरूरी है, यह अहंकार ही है जो व्यक्ति को सत्य से दूर करता है। अपने स्व: से दूर करते हुए आपको भौतिकता में उलझा देता है और इंसान का जीवन एक संकुचित दायरे में कैद होकर रह जाता है, इंसान उन्नति की जगह अवनति की तरफ़ फिसलना शुरू हो जाता है।
अहंकार एक मनोवैज्ञानिक शब्द है, जिसे सामान्य भाषा में "अभिमान" और अंग्रेजी भाषा में Ego" के रूप में जाना जाता है। यह व्यक्ति के अपने आप में अभिप्रेत संवेदनहीनता, तुच्छ मानसिक अवस्था और संकीर्ण सोच को परिभाषित करता है, अहंकार का उदभव भ्रम, अज्ञान, और आध्यात्मिक विकृति के रूप में बाहर आता है।
अहंकार का कारण व्यक्ति के मन में मूल्यांकन, स्वार्थपरता, सिर्फ़ और सिर्फ़ स्वयं का ही सम्मान हो ऐसी मनोदशा को पोषित करता है, यह व्यक्ति को उनके अपने आप को ऊँचा महसूस कराता है और दूसरों के साथ तुलना करते समय स्वाभाविक तौर पर एक कुंठित मानसिकता का भाव प्रदर्शित करवाता है।
अहंकार के कुछ नुकसान निम्नलिखित हो सकते हैं:
संघर्ष और विवाद: अहंकार संघर्ष का कारण बन सकता है और लोगों के साथ विवादों में ले जा सकता है। इससे संबंधों को तनावपूर्ण बनाने की संभावना बढ़ जाती है।
बाधाओं को अनदेखा करना: अहंकार व्यक्ति को अपनी गलतियों और कमजोरियों को स्वीकृति देने में बाधा पहुंचा सकता है। अहंकार की वजह से आप के अपने भीतर नए विचारों और सुझावों को अनदेखा करने लगते हैं, और आप अपनी व्यक्तिगत प्रगति को रोक देते हैं।
संवेदनशीलता की कमी: अहंकार की वजह से आपको अन्य लोगों की भावनाओं और उनकी आवश्यकताओं को समझने में कठिनाई हो सकती है। इससे आपकी संवेदनशीलता कम हो सकती है और आपकी सामाजिक और रिश्तेदारी अनुबंधित हो सकती है।
अहंकार से बचने के उपाय निम्नलिखित हो सकते हैं:
ज्ञान की प्राप्ति: अहंकार को कम करने के लिए, ज्ञान, स्व: पर फोकस और विवेक की प्राप्ति महत्वपूर्ण है। विभिन्न स्रोतों से ज्ञान प्राप्त करने, स्वयं को स्वीकार करने के लिए समय निकालने, स्व: की पहचान करने में मदद मिल सकती है। जो आप अपने विवेक से पूर्णता की ओर ले जा पाएंगे।
समर्पण और सहजता: अहंकार को कम करने के लिए, समर्पण की भावना को विकसित करना महत्वपूर्ण है। दूसरों की मदद करने, सहानुभूति और सहज रहने और समानता के भाव को विकसित करने में मदद कर सकता है।
मन की निगरानी: अहंकार को कम करने के लिए, मन की निगरानी और ध्यान का प्रशिक्षण बेहद महत्वपूर्ण है। ध्यान, मन को शांत और स्थिर रखने में मदद करता है और अहंकार की विचारधारा पर निगरानी करने में सहायता प्रदान कर सकता है।
संयम: अहंकार को कम करने के लिए, संयम का प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है। अपने मन, भावनाओं और कार्यों पर नियंत्रण रखना, स्वार्थपरता को दूर करना और अहंकार की प्रवृत्ति को रोकने में मदद कर सकता है।
यदि अहंकार आपके जीवन में समस्या पैदा कर रहा है, तो एक मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से सलाह लेना और मार्गदर्शन प्राप्त करना उचित हो सकता है।
लेखक- अद्भुत जीवन की ओर …
भागीरथ पुरोहित
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
February 24, 2024यदि आपके घर में पैसों की बरकत नहीं है, तो आप गरुड़...
February 17, 2024लाल किताब के उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सका...
February 17, 2024संस्कृति स्वाभिमान और वैदिक सत्य की पुनर्प्रतिष्ठा...
February 12, 2024आपकी सेवा भगवान को संतुष्ट करती है
February 7, 2024योगानंद जी कहते हैं कि हमें ईश्वर की खोज में लगे र...
February 7, 2024भक्ति को प्राप्त करने के लिए दिन-रात भक्ति के विषय...
February 6, 2024कथावाचक चित्रलेखा जी से जानते हैं कि अगर जीवन में...
February 3, 2024