भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है..हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है. इस दिन घरों में भगवान गणेश जी की स्थापना की जाती है। 10 दिनों तक चलने वाले गणेश महोत्सव के बाद गणेश जी का विसर्जन भी किया जाता है।
गणेश चतुर्थी भारतीय हिंदू पर्वों में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे विशेष धार्मिक भावना और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व भगवान गणेश की पूजा-अर्चना और भक्ति के साथ मनाया जाता है, जिससे उन्हें धन्यवाद दिया जाता है और उनकी कृपा प्राप्ति की प्रार्थना की जाती है।
गणेश चतुर्थी का महत्व:
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें विघ्नहर्ता और सर्वशक्तिमान के रूप में जाना जाता है। उन्हें पूरे विधि-विधान के साथ पूजा किया जाता है और विशेष भोग-प्रसाद उन्हें अर्पित किया जाता है।
इस अवसर पर लोग भगवान गणेश की मूर्तियों को अपने घरों में स्थापित करते हैं। इससे उन्हें अपने घर में सुख, समृद्धि, शुभ कार्यों की सिद्धि और विघ्नों का नाश होने की कामना की जाती है।
गणेश चतुर्थी को मुंबई और पुणे जैसे शहरों में खास रूप से धूमधाम से मनाया जाता है, जहां लोग बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ गणेश पंडालों को सजाते हैं और भगवान गणेश के मूर्तियों को सड़कों पर विशेष प्रकार से प्रस्थान करते हैं।
गणेश विसर्जन: गणेश चतुर्थी के दसवें दिन को अनंत चतुर्दशी या गणेश विसर्जन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की मूर्तियां समुद्र या नदियों में विसर्जित की जाती हैं। लोग बड़े उत्साह के साथ भगवान गणेश की प्रतिमा को सजाते हैं और विधि-विधान से उन्हें समुद्र जल में विसर्जित करते हैं। इसके साथ ही धूमधाम से नृत्य-संगीत की व्यवस्था की जाती है और लोग गणेश विसर्जन के उत्साह से नृत्य करते हैं।
यह त्योहार लोगों को भगवान गणेश की भक्ति में लीन करता है और उन्हें सामाजिक समृद्धि, समरसता, और उत्साह का अनुभव करने का मौका देता है।
गणेश चतुर्थी 2023 तिथि कब है?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल की चतुर्थी की शुरुआत, 18 सितंबर दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से होगी और 19 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 13 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर्व 19 सितंबर 2023, मंगलवार के दिन से मनाया जाएगा।
गणेश चतुर्थी 2023 पूजा मुहूर्त कब?
पंचांग में बताया गया है कि गणेश चतुर्थी के दिन मध्याह्न पूजा मुहूर्त सुबह 11 बजे से दोपहर 01 बजकर 26 मिनट के बीच रहेगा। वहीं इस विशेष दिन पर रवि योग का निर्माण हो रहा है जो सुबह 06 बजकर 08 मिनट से दोपहर 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। इसके साथ इस दिन स्वाति नक्षत्र का निर्माण हो रहा है जो दोपहर 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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