Published By:अतुल विनोद

शेष नाग पर पृथ्वी के रखे होने का क्या है विज्ञान .... अतुल विनोद

What is the science of the Earth being placed on the serpent "SHESHNAGA"  हिंदू मान्यताओं में कहा जाता है कि यह धरती शेषनाग पर टिकी हुई है| साइंटिफिक सोच रखने वाला इस बात को कैसे मान सकता है? धरती तो गोल है इसके चारों तरफ पानी है| गूगल पर हम देख सकते हैं कि धरती एक खाली आकाश में तैर रही है, ऐसे में किसी नाग के फन पर इसके टिके होने की बात अजीब लगती है| कहते हैं कि धर्म ग्रंथों में कोई भी बात बिना किसी आधार के नहीं लिखी गई| ये भी सच है कि कई गूढ़ रहस्यों को ग्रंथों में अलंकारिक भाषा शैली में लिखा गया है| 

इनकी डीप स्टडी करने से सच्चाई तक पहुंचा जा सकता है| शेष-नाग दरअसल यूनिवर्स की वो शक्ति है जो सभी गृह नक्षत्रों का आधार है| साइंटिस्ट इस शक्ति डार्क मैटर कहते हैं| साइंस की थ्योरी और पुराण की शेषनाग की थ्योरी के कोरिलेशन पर आगे विस्तार से डिस्कशन करेंगे| सामान्य तौर पर हम वेद-पुराण के ज्ञान को मनुष्य और धरती से ही जोड़कर देखते हैं, वास्तविकता ये है कि ये ज्ञान सिर्फ मनुष्य और धरती तक सीमित नहीं है| ये धरती शेषनाग पर टिकी हुई है, इसका एक अर्थ तो बहुत सामान्य है जिसका मतलब यह है कि धरती किसी सांप के फन पर रखी हुयी है| कुछ ऐसी ही कल्पना करके नाग के ऊपर रखी धरती के चित्र भी बनाये जाते रहे| "पृथ्वी के शेषनाग पर रखे होने की बात" महाभारत में इस श्लोक में है| "अधॊ महीं गच्छ भुजंगमॊत्तम; स्वयं तवैषा विवरं प्रदास्यति। 

इमां धरां धारयता त्वया हि मे; महत् परियं शेषकृतं भविष्यति।।" महाभारत एक महाकाव्य है, इसमें विश्व और परमात्मा के रहस्यों को समझाने के लिए मनुष्य की बुद्धि के अनुसार उदाहरण और संकेत दिए गए हैं| इस श्लोक से पता चलता है कि शेषनाग को ब्रह्मा जी, धरती को धारण करने को कहते हैं... ये शेषनाग जब हिलते हैं धरती पर भूकम्प आते हैं| इसका एक अर्थ तो धरती के अंदर मौजूद भूचुम्बकत्व से लिया जाता है, इस भूचुम्बकत्व के कारण ही प्रथ्वी स्थिर है, और इसके कारण ही भूकम्प आते हैं| जो बात किसी पिंड पर लागू होती है वो ब्रम्हांड पर भी लागू होती है| अब पुराण की इस बात को यूनिवर्स के सन्दर्भ में देखते हैं| धरती यानि पदार्थ| विश्व में जो गृह नक्षत्र दिखते हैं उनको विज्ञान नार्मल मैटर कहता है, यही नॉर्मल मैटर धरती है| 

पदार्थ के अलावा यूनिवर्स में जो खाली स्थान है| दरअसल वो खाली स्थान नहीं है बल्कि उसमें डार्क मैटर और डार्क एनर्जी मौजूद है| डार्क मैटर और डार्क एनर्जी के कारण ही अंतरिक्ष में ही दिखने वाली प्रथ्वी सहित ग्रह, नक्षत्र रूपी पदार्थ टिका हुआ है| ग्रह, नक्षत्र, सौर मंडल आकाशगंगाएं किसके बूते नियंत्रित हो रहे हैं? कोई नियंत्रक शक्ति नहीं होती तो सब कुछ आपस में टकराता रहता? पृथ्वी गेंद की तरह उछलती रहती, दुसरे ग्रहों से टकराती रहती| इन सबको कौन कंट्रोल करता है? इन्हें कंट्रोल करने वाला डार्क मैटर ही कॉस्मिक स्नेक शेषनाग है| 

उसके पीछे काम करती है डार्क एनर्जी जो ब्रम्ह है| डार्क एनर्जी आखिर क्या है, इसके बारे में विज्ञान को कुछ नहीं पता। विज्ञान को इतना पता है कि ये एक तरह की रहस्यमयी शक्ति है जिसपर यह अंतरिक्ष टिका हुआ है। वैज्ञानिकों के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि इसका स्रोत क्या है इसका उद्गम कहां से होता है । Einstein के फार्मूला e=mc2 के मुताबिक हर ऊर्जा का निर्माण किसी पदार्थ या दूसरे ऊर्जा स्रोत से होता है तो डार्क एनर्जी कहाँ से पैदा होती है? गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग के ज़रिये वैज्ञानिक डार्क मैटर का सटीक रूप जानने में लगे हुए हैं। इन खोजों के आधार पर यह कहा जा रहा है कि डार्क मैटर एक जाल के जैसी गुंथी हुई कोई गांठ है जिसमें कोई पदार्थ है। 

इस डार्क मैटर की जाल जैसी गुंथी हुयी आकृति के कारण ही उसे भुजंग की संज्ञा दी गयी और उसे शेष नाग कहा गया| शेष नाग को अनंत भी कहा जाता है| Einstein ने कहा कि अंतरिक्ष खाली तो बिलकुल नहीं है, अंतरिक्ष की अपनी एक शक्ति/POWER है जो डार्क एनर्जी है। नार्मल मैटर यानि दृश्यमान ब्रह्मांड (Visible Universe),नार्मल मैटर में पृथ्वी (Earth), सूर्य(Sun), अन्य तारे (Stars) और आकाशगंगा (Galaxies) शामिल हैं, जो प्रोटॉन (Proton), न्यूट्रॉन (Neutron) और इलेक्ट्रॉनों (Electrons) से मिलकर बनी है।

 20 वीं शताब्दी (20th Century) की शायद सबसे आश्चर्यजनक खोजों में से एक यह थी कि यह दृश्यमान ब्रह्मांड(नार्मल मैटर), यूनिवर्स के 5 प्रतिशत से भी कम है, और बाकी सब अनदेखा है। इसी साल सितंबर में हबल डेटा ने बताया कि नॉर्मल मैटर डार्क मैटर डार्क एनर्जी के अलावा भी एक तीसरा इनग्रेडिएंट है जो अभी भी मिसिंग है| September 10, 2020 Hubble Data Suggests There is an Ingredient Missing from Current Dark Matter Theories नॉर्मल मैटर यानी दृश्य मान पदार्थ के अतिरिक्त शेष ब्रह्मांड(शेष नाग) एक रहस्यमय, अदृश्य पदार्थ से बना है जिसे डार्क मैटर कहा जाता है इसके पीछे भी एक उर्जा है जिसे डार्क एनर्जी पुकारा जाता है। 

ख़ास बात ये है कि वैज्ञानिकों अभी तक डार्क मैटर को देख नहीं सके हैं, क्यूंकि ये पकड़ में नहीं आता| ये बैरोनिक पदार्थ (Matter Composed of Neutrons, Protons and Electrons) के साथ कोई संबंध नहीं करता और ये प्रकाश (Light) और विद्युत चुम्बकीय विकिरण (Electromagnetic Radiation) के अन्य रूपों के लिए पूरी तरह से अदृश्य (Invisible) है। नासा के मुताबिक़ जितना पता है उससे अधिक अज्ञात है। ये पता चला है कि ब्रह्मांड का लगभग 68% हिस्सा डार्क एनर्जी है। डार्क मैटर लगभग 27% है। बाकी सब कुछ जो दिखता है जिसे नार्मल मैटर( बैरोनिक पदार्थ) कहते हैं, इसमे दिखने वाला हर गृह नक्षत्र तारे आकाशगंगाएं शामिल हैं ब्रह्मांड के 5% से भाग से भी कम है। 

साफ है ब्रह्मांड का 95 फ़ीसदी से ज्यादा हिस्सा उस अदृश्य पदार्थ और ऊर्जा से भरा हुआ है जो विज्ञान की पहुंच से बाहर है हालांकि भारतीय धर्म शास्त्रों में इसे लेकर काफी कुछ बताया गया है| शाश्त्रों के अनुसार ब्रम्ह से पैदा होते हैं पुरुष और प्रकृति “डार्क एनर्जी और डार्क मैटर” दोनों मिलकर सृष्टि की रचना करते हैं जिसे हम “नार्मल मैटर” कहते हैं जो दिखती है| ऋग्वेद के अनुसार असीदिदं तमोभूतमप्रग्यातमलक्षणम्। अप्रतर्क्यमविग्येयं प्रसुप्तमिव सर्वतः॥ सृष्टि से पहले परब्रह्म अव्यक्त रहते हैं| वेद कहते हैं कि परब्रह्म ने ब्रह्मांड नहीं रचा। परब्रह्म के होने से ब्रह्मांड रचता गया।एक परम तत्व परब्रह्म में से ही आत्मा(डार्क एनर्जी,पुरुष) और ब्रह्मांड(डार्क मैटर,माया प्रकृति) का प्रस्फुटन हुआ।

 पुरुष और प्रकृति ने मिलकर दृश्यमान जगत बनाया| दृश्यमान जगत यानि सृष्टि(नार्मल मैटर) सृष्टि के निर्माण के लिए सत्व, रज और तम इलेक्ट्रॉन, न्यूट्रॉन और प्रोटॉन्स सृजक तत्व ब्रह्मा, पालक तत्व विष्णु और संहारक तत्व रुद्र प्रकट हुये|

धर्म जगत

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