Published By:धर्म पुराण डेस्क

अग्नि को क्या अर्पित करें, जिससे सुख-समृद्धि बड़े?

हिंदू धर्म में अग्नि और हवन का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं कि अग्नि को क्या अर्पित करें ताकि घर में सुख-समृद्धि बड़े।

वेदों में अग्नि की प्रार्थना बतायी गयी है|

अग्नि की ऐसे प्रार्थना करें -

मैं अग्नि की स्तुति करता हूं। अग्नि यज्ञ का पुरोहित, यज्ञ में देवों को बुलाने वाला और यज्ञफल का धारण करने वाला है। प्राचीन ऋषियों ने अग्नि की स्तुति की थी। अग्नि-कृपा से यजमान को यश और धन मिलता है और वह बढ़ता है। 

हे अग्नि ! इस यज्ञ में आओ और देवों को भी बुलाओ। तुम यजमान का कल्याण करने वाले हो। हम तुम्हें नमस्कार करते हैं। पुत्र जैसे पिता को सरलता से पा लेता है, उसी प्रकार हम तुम्हें सरलता से पायें।

हे अग्नि ! देवों को बुलाओ। तुम्हीं हमारे यज्ञ के होता हो। तुम हमारे शत्रुओं को जला दो। क्रांतदर्शी, जूही मुख अग्नि, अग्नि से ही प्रज्वलित होते हैं। हे स्तोताओ ! अग्नि की स्तुति करो। हे हव्य के स्वामी अग्नि ! यजमान की तथा उसके हव्यों की रक्षा करो, जिससे हव्य देवों को मिल सके। तुम हमारे गायत्री छन्द की स्तुति से प्रसन्न होकर हमें संतानयुक्त धन दो। हमारे इस स्तोत्र को तुम स्वीकार करो।

हे प्रज्वलित अग्नि ! हमारा यज्ञ पूरा करो। हमारे मधु युक्त यज्ञ को देवों के समीप तुम ले जाओ। हे अग्नि ! तुम जनहितकारी हो। यज्ञ पूरा करने के सब द्वार खोल दो, इला, सरस्वती और मही यज्ञ में कुशों पर बैठे। त्वष्टा को मैं यज्ञ में बुलाता हूँ। हे वनस्पति ! हम सामसम्पन्न बनें, तुम देवों को हवि भेंट करो।

क्या पैसा ख़ुशी दे सकता है? 

यदि आपके पास बहुत पैसा है, तो आप पांच सितारा होटल में रह सकते हैं, लेकिन यदि आप तन, मन, भावना या ऊर्जा के स्तर से खुश नहीं हैं, तो क्या आप अपने पांच सितारा होटल का आनंद उठा सकते हैं? नहीं। लेकिन चारों प्रसन्न हों तो वृक्ष की छाया का आनंद लिया जा सकता है। 

क्या इसका मतलब यह है कि आपके पास कोई धन नहीं होना चाहिए? नहीं ऐसे नहीं। लेकिन आपको अपनी प्राथमिकताओं को समझना चाहिए। अगर ये चारों आपके अंदर बहुत खुश हैं और आपके पास पैसा है तो आप बाहर के माहौल को बहुत खुशनुमा बना सकते हैं। पैसे के बारे में कुछ भी अच्छा या बुरा नहीं है। यह सिर्फ एक उपकरण है।

बात बस इतनी है कि अगर पैसा आपकी जेब के बजाय सिर पर चढ़ जाए, वहां जगह बना ले तो दुख और परेशानियां ही आएंगी।


 

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