Published By:धर्म पुराण डेस्क

अक्षय नवमी कब है? जानिए इस दिन आंवले की पूजा का महत्व और शुभ मुहूर्त

ऐसा माना जाता है कि द्वापर युग की शुरुआत अक्षय नवमी से हुई थी। इस दिन कृष्ण ने कंस का वध भी किया था और धर्म की स्थापना की थी।

अक्षय नवमी का पर्व आंवला से जुड़ा हुआ है। आंवला नवमी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की शुक्ल पक्ष की तिथि को मनाई जाती है। इसे अक्षय नवमी भी कहते हैं। 

ऐसा माना जाता है कि द्वापर युग की शुरुआत इसी दिन से हुई थी। इस दिन कृष्ण ने कंस का वध भी किया था और धर्म की स्थापना की थी। आंवला को अमरता का फल भी कहा जाता है। इस दिन आंवले का सेवन करने से स्वास्थ्य लाभ होता है। 

आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करने से उत्तम स्वास्थ्य मिलता है। इस दिन आंवले के पेड़ के पास एक विशेष प्रकार की पूजा भी की जाती है। इस बार अक्षय नवमी 2 नवंबर को मनाई जाएगी.

अक्षय नवमी शुभ अवसर-

इस वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष का नाम 1 नवंबर को रात्रि 11:00 बजे से प्रारंभ होकर 2 नवंबर को रात्रि 9:00 बजे समाप्त होगा। 

अक्षय नवमी पूजा का शुभ मुहूर्त 2 नवंबर को सुबह 6 बजे से 34 मिनट से दोपहर 12 बजे तक 4 मिनट तक रहेगा.

अक्षय नवमी का महत्व-

यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के नाम से मनाया जाता है। ऋग्वेद में कहा गया है कि इसी दिन सतयुग की शुरुआत हुई थी। इसलिए इस दिन व्रत, पूजा, तर्पण और दान का विशेष महत्व है। 

आंवला नवमी पर भगवान श्रीकृष्ण वृंदावन-गोकुल की गलियों को छोड़कर मथुरा के लिए निकल पड़े। इसी दिन से वृंदावन की परिक्रमा भी शुरू हो जाती है।


 

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