Published By:धर्म पुराण डेस्क

2022 में अश्विन पूर्णिमा कब है? महत्व पूजा विधि 

9 अक्टूबर, 2022(रविवार)..

अश्विन पूर्णिमा व्रत-

अश्विन पूर्णिमा व्रत मुहूर्त…

पूर्णिमा 09 अक्टूबर 2022 को 03:44:06 से प्रारंभ होगी| 

पूर्णिमा 10 अक्टूबर 2022 को 02:26:43 बजे समाप्त होगी|

शरद पूर्णिमा | शरद पूर्णिमा-

धार्मिक मान्यता के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है। इस दिन शीतल चन्द्रमा में रखी खीर खाने से स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। इसको रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार पूरे वर्ष में केवल इसी दिन चंद्रमा सोलह कलाओं में होते हैं और इससे निकलने वाली किरणों को अमृत माना जाता है। 

उत्तर और मध्य भारत में शरद पूर्णिमा की रात खीर, हलवा बनाकर चांदनी में रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब खीर पर चंद्रमा की किरणें पड़ती हैं तो वह कई गुना शुभ और लाभकारी होती है। इसे कोजागर व्रत के रूप में माना जाता है, जिसे कौमुदी व्रत भी कहा जाता है।

अश्विन पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि-

शरद पूर्णिमा के दिन मंदिरों में विशेष सेवा-पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दिन किए जाने वाले अनुष्ठान इस प्रकार हैं-

* सुबह जल्दी उठकर उपवास करें और किसी पवित्र नदी, सरोवर या तालाब में स्नान करें।

* आराध्य देवता को सुंदर वस्त्र, आभूषण पहनाएं। आवाहन, आचमन, वस्त्र, सुगंध, अक्षत, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, तंबुल, सुपारी और दक्षिणा आदि चढ़ाकर पूजा करें।

* रात को गाय के दूध का हलवा घी और चीनी के साथ आधी रात को चढ़ाएं।

* रात्रि के समय जब चन्द्रमा आकाश के मध्य में स्थित हो तो चन्द्र देव की पूजा करें और नैवेद्य, खीर का भोग लगाएं।

* रात के समय चांदनी में हलवे, खीर  से भरा एक बर्तन रखें और अगले दिन इसे खाकर सभी को प्रसाद के रूप में बांट दें।

* पूर्णिमा का व्रत रखते हुए कथा सुननी चाहिए। कथा से पहले एक कलश में कमल, गेहूं, जल डालकर कलश की पूजा करें, रोली और चावल और दक्षिणा चढ़ाएं।

* इस दिन भगवान शिव-पार्वती और भगवान कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है।

शरद पूर्णिमा का महत्व-

शरद पूर्णिमा से स्नान और उपवास शुरू हो जाता है। माताएं अपने बच्चों की भलाई के लिए देवी-देवताओं की पूजा करती हैं। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के काफी करीब आ जाता है। शरद ऋतु में मौसम बहुत साफ होता है। इस समय आसमान में न तो बादल होते हैं और न ही धूल के बादल। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणों का शरीर पर पड़ना बहुत शुभ माना जाता है।

आश्विन व्रत-त्योहार लिस्ट | Ashwin Vrat Festivals List.

10 सितंबर, रविवार - आश्विन माह प्रारंभ, कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि,

13 सितंबर, मंगलवार - विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत,

17 सितंबर, शनिवार - कन्या संक्रांति, विश्वकर्मा पूजा,

18 सिंतबर, रविवार - जीवित्पुत्रिका व्रत,

21 सिंतबर, बुधवार - इंदिरा एकादशी,

23 सितंबर, शुक्रवार - अश्विन शुक्र प्रदोष व्रत,

24 सिंतबर, शनिवार - अश्विन कृष्ण त्रियोदशी - शिवरात्रि,

25 सितंबर, रविवार- सर्वपितृ अमावस्या, महालया अमावस्या,

26 सितंबर, सोमवार– शारदीय नवरात्रि आरंभ, घटस्थापना, महाराजा अग्रसेन जयंती,

29 सितंबर,  गुरुवार - अश्विन माह विनायक चतुर्थी व्रत,

30 सितंबर, शुक्रवार - ललिता पंचमी व्रत,

03 अक्टूबर , सोमवार - दुर्गा अष्टमी, कन्या पूजन,

04 अक्टूबर, मंगलवार - महानवमी, नवरात्रि समापन,

05 अक्टूबर, बुधवार - विजयदशमी, दशहरा,

06 अक्टूबर, गुरुवार - पापांकुशा एकादशी,

07 अक्टूबर, शुक्रवार - अश्विन शुक्ल प्रदोष व्रत,

09 अक्टूबर, रविवार - कोजागर पूर्णिमा व्रत, शरद पूर्णिमा,


 

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