इसका सिर्फ़ इतना ही जवाब है कि आप मानसिक तनाव, चिंता और चंचलता से ग्रस्त हैं आपके शरीर का वायु और पित्त कुपित है और आपका स्नायविक संस्थान संतुलित नहीं है। इन कारणों को मिटा दीजिए और आप अनिद्रा रोग से मुक्त हो जाएंगे। शास्त्र का कहना है:-
1. कायस्य शिरसश्चैव विरे कश्छर्दनं भयम्।
चिंता क्रोधस्तथा धूमो व्यायामो रक्तमोक्षणम्।।
उपवासोऽसुखा शय्या सत्वोदार्य तमोजयः।
निद्रा प्रसंगमहितं वारयन्ति समुत्थितम्।।
एत एव च विज्ञेया निद्रानाशस्य हेतवः।
कार्यकालो विकारश्च प्रकृतिर्वायुरेव च।।
अनिद्रा रोग का कारण मानसिक तनाव, चिंता, चंचलता, वात और पित्त का असंतुलन और स्नायु संस्थान की अस्थायित्व हो सकती है। इन कारणों को दूर करने और शरीर को संतुलित करने से अनिद्रा रोग से निजात मिल सकती है।
शास्त्र में कहा गया है कि शरीर के सिर और शिरा, विरेक (पुरिशविसर्जन) करना, भय, चिंता, क्रोध, धूम (धूम्रपान), व्यायाम, रक्तमोक्षण (रक्तस्राव) और उपवास (उपवास करना), असुखी शय्या (अच्छी नींद की कमी), सत्वोदार्य (सत्त्वप्रधान आहार), तमोजयः (अज्ञान और तामसिकता को नष्ट करना) आदि निद्रा के नष्ट होने के कारणों को रोकते हैं। इन कारणों का अनुसरण करने से निद्रा का नष्ट होना हो सकता है।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
February 24, 2024यदि आपके घर में पैसों की बरकत नहीं है, तो आप गरुड़...
February 17, 2024लाल किताब के उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सका...
February 17, 2024संस्कृति स्वाभिमान और वैदिक सत्य की पुनर्प्रतिष्ठा...
February 12, 2024आपकी सेवा भगवान को संतुष्ट करती है
February 7, 2024योगानंद जी कहते हैं कि हमें ईश्वर की खोज में लगे र...
February 7, 2024भक्ति को प्राप्त करने के लिए दिन-रात भक्ति के विषय...
February 6, 2024कथावाचक चित्रलेखा जी से जानते हैं कि अगर जीवन में...
February 3, 2024