Published By:धर्म पुराण डेस्क

क्यों होता है कमर के बीच वाले हिस्से में होने वाला दर्द?

कमर के बीच वाले हिस्से में होने वाला दर्द गिर जाने या किसी दुर्घटना के बाद यदि पीड़ित को साँस लेने पर या चलने-फिरने पर तेज दर्द होता है, तब हो सकता है कि कोई पसली टूट गयी हो या रीढ़ की कोई हड्डी क्षतिग्रस्त हो गयी हो।

• पतली कमजोर हड्डियों या ऑस्टियोपोरोसिस की वजह से हुआ फ्रैक्चर छाती में घूमने वाला दर्द पैदा कर सकता है।

• शरीर में थोड़ी सी हरकत जैसे करवट बदलना, झुककर कोई चीज उठाना भी तेज दर्द उत्पन्न करता है। तब या तो रीढ़ के जोड़ों में कोई समस्या उत्पन्न होने की वजह हो सकती है अथवा 'स्लिप डिस्क' हो सकती है।

• चिंता, मानसिक तनाव और व्याकुलता की वजह से भी कमर का दर्द हो सकता है, क्योंकि इनकी वजह से मांसपेशियों में तनाव उत्पन्न होने लगता है जो कमर दर्द का कारण बनता है।

• अन्य अंग में विकृति भी कमर दर्द का कारण बन जाती है, जैसे गुर्दे के रोग ग्रस्त होने पर यदि मूत्र रक्त मिला हुआ आता है या फिर मूत्र त्याग कठिनाई से होता है तब भी कमर दर्द होता है। 

• इसी तरह गुर्दे में पथरी होने पर कमर के बीच वाले हिस्से में रुक- रुक कर तेज दर्द होता है और साथ ही पेट के बीच वाले हिस्से में भी दर्द होता है।

• कभी-कभी एक्सरसाइज (व्यायाम) के बाद कमर में दर्द की शिकायत हो जाती है। व्यायाम के दौरान मांसपेशियां खिंच जाना इसकी वजह हो सकती है।

• रजोनिवृत्ति से स्त्रियों में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी हो जाती है, जिससे कैल्शियम का अवशोषण कम हो जाता है। स्त्रियों में ल्यूकोरिया तथा अत्यधिक मासिक स्राव के कारण भी कमर दर्द हो जाता है।

• पुरुषों में धातु स्राव के कारण भी यह समस्या देखी जाती है। इसके अतिरिक्त भोज्य पदार्थों में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन की कमी तथा अल्कोहल का सेवन, मोटापा, मेहनत की कमी के कारण हो सकता है।
 

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