मानसिक थकान को दूर करने के लिए जरुरी है, योग और ध्यान केंद्र
मानसिक थकान को दूर करने के लिए जरुरी है, योग और ध्यान केंद्र
Yoga and meditation center is necessary to remove mental fatigue
इंसानी शरीर दो तरह से काम करता है पहला शारीरिक और दूसरा मानसिक| जब इंसान काम करता है तो ये दोनों अपनी भूमिका निभाते है, कई बार दोनों के काम करने में बहुत अन्तेर रहता है| कभी कोई ज्यादा काम करता है तो कभी कोई, मगर थकते दोनों है|
अब शारीरिक थकान को दूर करने के लिए हम दवाई या फिर मसाज का सहारा ले लेते हैं| मगर मानसिक थकान के लिए चाहिए दिमाग को आराम, जो की मिलता है शान्त वातावरण में, जो की अपने आस पास नहीं रहता है| क्योंकी वैसे भी आज की इस भागदौड़ भरी जिन्दगी में हम सभी इतने ज्यादा व्यस्त है कि स्वंय के लिए भी हमारे पास समय नहीं है। सुबह से लेकर शाम और अब तो रात तक काम के लिए भागना रहता है, ना समय पर भोजन करना, ना शारिरिक स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना हम सभी की आदत बन गई है| जिसके कारण शारिरिक एवं मानसिक थकान के साथ-साथ कई तरह की बीमारियां भी शरीर में घर बना रही है। बुजुर्ग बोलते हैं मानसिक थकान इंसान के अंदर ज्यादा बीमारी लेके आती है|
"Meditation is a practice where an individual uses a technique – such as mindfulness,or focusing the mind on a particular object, thought, or activity – to train attention and awareness, and achieve a mentally clear and emotionally calm and stable state".
हम अपने शरीर और दिमाग को आराम देने के लिए आज क्या कुछ नया करने की सोचते हैं। बहुत सरे प्लान बनाते है के सुबह जल्दी उठके घूमने जायेंगे, जिम जायेंगे, साइकिलिंग करेंगे मगर ऐसा कुछ नहीं हो पता है| कई बार ये भी दिमाग में आता है के आज कुछ नहीं करेंगे दिन भर बिस्तर पर पड़े रहेंगे| मगर ऐसा हो नहीं पता है| जबकि इतने बिजी रहते है परिवार संग समय भी नहीं बिता पाते हैं। ऐसे में हम अवकाश लेकर किसी शांति के स्थल पर जाने का विचार करते हैं ताकि हमारा शरीर और मन शांत हो सके। शहर के शोर-शराबों से दूर कुछ प्राकृतिक चीजों का आनंद ले सके। आज के समय में व्यस्त कार्यक्रम के साथ, हर किसी को एक कदम पीछे हटकर स्वंय के बारे में सोचने की आवश्यकता है ताकि हम खुद को जीवित कर सके। दिन भर काम में लगे रहना और आगे बढ़ने की होड़ में हम किसी मशीन की तरह हो गए हैं जो बस चलती जाती है।
“Yoga is a way of life; it is not removed from it. We do not need to feel disappointed or frustrated considering our limitations with regard to physical health; shape and size of the body; lack of time; lack of space or unavailability of a teacher. Yoga, in fact, is the means to overcome all these problems. Yoga includes every aspect of life. Yoga touches everything in life. All healing methods and meditations are part and parcel of Yoga. Yoga is like the sun itself, which brightens everything that comes into contact with it”.
बस इन्ही सबसे छुटकारा पाने के लिए दिमाग और शरीर को आराम देने की जरुरत है। इसके लिए बहुत से लोग अब छुट्टियों के लिए समुद्र तटों और भीड़-भाड़ वाले पर्यटन स्थलों पर जाना पसंद नहीं करते है| इसके बजाय आध्यात्मिक योग और ध्यान केन्द्रों की तलाश में हैं। ताकि वह ना केवल अपने शरीर को उर्जावान बना पाएं साथ ही दिमाग को भी शांत कर, एकागृ करें। योग और ध्यान, एक साथ करने के लिए परिकल्पित किए गए हैं। योग शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता है। जबकि ध्यान, एक सामान्य व्यक्ति द्वारा प्राप्त की जाने वाली चेतना के एक उच्च रूप (ब्रह्मांडीय चेतना) के साथ उसकी आत्मा को जोड़ने में मदद करता है। भारत ने इन दोनों का आविष्कार और साधना की थी और पश्चिमी देशों में हजारों साल पहले योग और ध्यान लोकप्रिय हो गया था। भारत में आश्रमों या इनके केंन्द्रों की एक विस्तृत सारणी है, जो मन के साथ-साथ शरीर को निरोग बनाने की दिशा में कार्य करते हैं। ५ स्टार प्रकार के आश्रम में आवास से लेकर मूल आवास तक की सुविधाए उपलब्ध रहती हैं, जो हर आध्यात्मिक साधकों को ज्ञान प्रदान करने का प्रयास करते हैं। यह आश्रम ना केवल आपको रहने की एक उचित जगह उपलब्ध कराते हैं बल्कि यह आपको नई उर्जा और आत्मिय शक्ति से भी परिपूर्ण करते हैं। आपके अंदर नया मनोबल पैदा करते हैं| जिनसे आपके जीवन जीने का टारगेट ओर मजबूत हो जाता है|
भागदौड़ और व्यस्त जिंदगी का आदी मनुष्य यह भूल गया है कि खान-पान के अलावा भी शरीर की कुछ और भी जरूरतें होती हैं। जिनमें मानसिक और आत्मिक शांति को सबसे शीर्ष स्थान प्राप्त है। दुनिया में बहुत से शोध 'मानसिक थकान' जैसे गंभीर विषयों पर किए गए हैं, जिनसे यह पता चला है कि जिस इंसान का मन शांत नहीं रहता वो अपने कामों को करने में असक्षम हो जाता है। मानसिक शांति भी इंसान की सबसे बड़ी जरूरत है। हम अपने काम से अवकाश लेकर तो कई पर्यटन स्थलो पर जाने का विचार बनाते हैं और वहां जाकर वही भीड़-भाड़ और शोर-शराबा देख वापस उसी दुनिया में आ जाते हैं जहां से हमें शांति की तलाश थी। शान्ति ढूँढने निकले थे और अशांत होके वापस आ जाते हैं| आज किसी भी पर्यटन स्थल पर जाओ उधर लगभग सभी बड़े-बड़े होटल में भी शहरों की तरह ही चमक धमक और शोरगुल होता है जिससे मानसिक शांति मिल ही नहीं पाती।
लेकिन योग और ध्यान के केंद्र भारत में कुछ ऐसे स्थल है जिन्होंने भारत की प्राचीन परंपरा का अनुसरण करते हुए मनुष्य की चेतना को आत्मा से मिलाने का मार्ग प्रशस्त किया है। योग और ध्यान से ना केवल शरीर को आराम मिलता है बल्कि काम-काज और तनाव से थका हमारा दिमाग और मन भी एकाग्र होकर शांत होता है।
देश में कई आध्यात्मिक आश्रम हैं जो शरीर के कायाकल्प के लिए शान्ति की जगह प्रदान करते हैं। ये योग, ध्यान, स्पा और भी बहुत कुछ है जो मन को ताज़ा करने में मदद करती हैं, जिनसे संबंधित कई गतिविधियां प्रदान करतें हैं। मन को शांत के लिए शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करने के लिए वे आमतौर पर भीड़ वाले स्थानों से दूर शांत स्थानों में स्थित होते हैं। जिधर शहरों जैसा कोई भी शोर शराबा नहीं रहता है| आप अपने दिमाग को आसानी से आराम दे सकते हो|
मानसिक थकान को दूर करने के लिए जरुरी है, योग और ध्यान केंद्र
मानसिक थकान को दूर करने के लिए जरुरी है, योग और ध्यान केंद्र
Yoga and meditation center is necessary to remove mental fatigue
इंसानी शरीर दो तरह से काम करता है पहला शारीरिक और दूसरा मानसिक| जब इंसान काम करता है तो ये दोनों अपनी भूमिका निभाते है, कई बार दोनों के काम करने में बहुत अन्तेर रहता है| कभी कोई ज्यादा काम करता है तो कभी कोई, मगर थकते दोनों है|
अब शारीरिक थकान को दूर करने के लिए हम दवाई या फिर मसाज का सहारा ले लेते हैं| मगर मानसिक थकान के लिए चाहिए दिमाग को आराम, जो की मिलता है शान्त वातावरण में, जो की अपने आस पास नहीं रहता है| क्योंकी वैसे भी आज की इस भागदौड़ भरी जिन्दगी में हम सभी इतने ज्यादा व्यस्त है कि स्वंय के लिए भी हमारे पास समय नहीं है। सुबह से लेकर शाम और अब तो रात तक काम के लिए भागना रहता है, ना समय पर भोजन करना, ना शारिरिक स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना हम सभी की आदत बन गई है| जिसके कारण शारिरिक एवं मानसिक थकान के साथ-साथ कई तरह की बीमारियां भी शरीर में घर बना रही है। बुजुर्ग बोलते हैं मानसिक थकान इंसान के अंदर ज्यादा बीमारी लेके आती है|
"Meditation is a practice where an individual uses a technique – such as mindfulness,or focusing the mind on a particular object, thought, or activity – to train attention and awareness, and achieve a mentally clear and emotionally calm and stable state".
हम अपने शरीर और दिमाग को आराम देने के लिए आज क्या कुछ नया करने की सोचते हैं। बहुत सरे प्लान बनाते है के सुबह जल्दी उठके घूमने जायेंगे, जिम जायेंगे, साइकिलिंग करेंगे मगर ऐसा कुछ नहीं हो पता है| कई बार ये भी दिमाग में आता है के आज कुछ नहीं करेंगे दिन भर बिस्तर पर पड़े रहेंगे| मगर ऐसा हो नहीं पता है| जबकि इतने बिजी रहते है परिवार संग समय भी नहीं बिता पाते हैं। ऐसे में हम अवकाश लेकर किसी शांति के स्थल पर जाने का विचार करते हैं ताकि हमारा शरीर और मन शांत हो सके। शहर के शोर-शराबों से दूर कुछ प्राकृतिक चीजों का आनंद ले सके। आज के समय में व्यस्त कार्यक्रम के साथ, हर किसी को एक कदम पीछे हटकर स्वंय के बारे में सोचने की आवश्यकता है ताकि हम खुद को जीवित कर सके। दिन भर काम में लगे रहना और आगे बढ़ने की होड़ में हम किसी मशीन की तरह हो गए हैं जो बस चलती जाती है।
“Yoga is a way of life; it is not removed from it. We do not need to feel disappointed or frustrated considering our limitations with regard to physical health; shape and size of the body; lack of time; lack of space or unavailability of a teacher. Yoga, in fact, is the means to overcome all these problems. Yoga includes every aspect of life. Yoga touches everything in life. All healing methods and meditations are part and parcel of Yoga. Yoga is like the sun itself, which brightens everything that comes into contact with it”.
बस इन्ही सबसे छुटकारा पाने के लिए दिमाग और शरीर को आराम देने की जरुरत है। इसके लिए बहुत से लोग अब छुट्टियों के लिए समुद्र तटों और भीड़-भाड़ वाले पर्यटन स्थलों पर जाना पसंद नहीं करते है| इसके बजाय आध्यात्मिक योग और ध्यान केन्द्रों की तलाश में हैं। ताकि वह ना केवल अपने शरीर को उर्जावान बना पाएं साथ ही दिमाग को भी शांत कर, एकागृ करें। योग और ध्यान, एक साथ करने के लिए परिकल्पित किए गए हैं। योग शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता है। जबकि ध्यान, एक सामान्य व्यक्ति द्वारा प्राप्त की जाने वाली चेतना के एक उच्च रूप (ब्रह्मांडीय चेतना) के साथ उसकी आत्मा को जोड़ने में मदद करता है। भारत ने इन दोनों का आविष्कार और साधना की थी और पश्चिमी देशों में हजारों साल पहले योग और ध्यान लोकप्रिय हो गया था। भारत में आश्रमों या इनके केंन्द्रों की एक विस्तृत सारणी है, जो मन के साथ-साथ शरीर को निरोग बनाने की दिशा में कार्य करते हैं। ५ स्टार प्रकार के आश्रम में आवास से लेकर मूल आवास तक की सुविधाए उपलब्ध रहती हैं, जो हर आध्यात्मिक साधकों को ज्ञान प्रदान करने का प्रयास करते हैं। यह आश्रम ना केवल आपको रहने की एक उचित जगह उपलब्ध कराते हैं बल्कि यह आपको नई उर्जा और आत्मिय शक्ति से भी परिपूर्ण करते हैं। आपके अंदर नया मनोबल पैदा करते हैं| जिनसे आपके जीवन जीने का टारगेट ओर मजबूत हो जाता है|
भागदौड़ और व्यस्त जिंदगी का आदी मनुष्य यह भूल गया है कि खान-पान के अलावा भी शरीर की कुछ और भी जरूरतें होती हैं। जिनमें मानसिक और आत्मिक शांति को सबसे शीर्ष स्थान प्राप्त है। दुनिया में बहुत से शोध 'मानसिक थकान' जैसे गंभीर विषयों पर किए गए हैं, जिनसे यह पता चला है कि जिस इंसान का मन शांत नहीं रहता वो अपने कामों को करने में असक्षम हो जाता है। मानसिक शांति भी इंसान की सबसे बड़ी जरूरत है। हम अपने काम से अवकाश लेकर तो कई पर्यटन स्थलो पर जाने का विचार बनाते हैं और वहां जाकर वही भीड़-भाड़ और शोर-शराबा देख वापस उसी दुनिया में आ जाते हैं जहां से हमें शांति की तलाश थी। शान्ति ढूँढने निकले थे और अशांत होके वापस आ जाते हैं| आज किसी भी पर्यटन स्थल पर जाओ उधर लगभग सभी बड़े-बड़े होटल में भी शहरों की तरह ही चमक धमक और शोरगुल होता है जिससे मानसिक शांति मिल ही नहीं पाती।
लेकिन योग और ध्यान के केंद्र भारत में कुछ ऐसे स्थल है जिन्होंने भारत की प्राचीन परंपरा का अनुसरण करते हुए मनुष्य की चेतना को आत्मा से मिलाने का मार्ग प्रशस्त किया है। योग और ध्यान से ना केवल शरीर को आराम मिलता है बल्कि काम-काज और तनाव से थका हमारा दिमाग और मन भी एकाग्र होकर शांत होता है।
देश में कई आध्यात्मिक आश्रम हैं जो शरीर के कायाकल्प के लिए शान्ति की जगह प्रदान करते हैं। ये योग, ध्यान, स्पा और भी बहुत कुछ है जो मन को ताज़ा करने में मदद करती हैं, जिनसे संबंधित कई गतिविधियां प्रदान करतें हैं। मन को शांत के लिए शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करने के लिए वे आमतौर पर भीड़ वाले स्थानों से दूर शांत स्थानों में स्थित होते हैं। जिधर शहरों जैसा कोई भी शोर शराबा नहीं रहता है| आप अपने दिमाग को आसानी से आराम दे सकते हो|
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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