Published By:धर्म पुराण डेस्क

दिल की बीमारियों में उपयोगी है योगाभ्यास एवं शाकाहार..

दिल की बीमारियां दिन पर दिन अपना जाल फैलाती जा रही हैं। तथाकथित आधुनिकता के अनुसरण के साथ-साथ लोग शारीरिक विशेष रूप से दिल से सम्बन्धित रोगों से ग्रस्त हो कष्ट पा रहे हैं। 

आज का अनियमित और अनियंत्रित भोजन भी इसमें नुकसान पहुंचाता है। इस क्षेत्र में किये गये अनेक अनुसंधानों से पता चलता है कि शाकाहारी भोजन, नियमित योगाभ्यास तथा संयमित दिनचर्या दिल की बीमारियों से बचाए रख सकते हैं। 

इतना ही नहीं, यह भी पाया गया है कि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ दिल के रोगी के लिये फायदेमंद होती हैं। ओहियो विश्वविद्यालय अमेरिका में शोधरत भारतीय मूल के वैज्ञानिक डॉ० शर्मा आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों एवं भारतीय शाकाहारी भोजन पर अनुसंधान कर रहे हैं। अपने शोधों के आधार पर ही उन्होंने उपर्युक्त निष्कर्ष निकाले हैं। 

डॉ० शर्मा का कहना है कि आयुर्वेद रसायन खून और रक्त वाहिनियों में विद्यमान लिपिड नामक रसायन का ऑक्सीकरण रोकते हैं। लिपिड के ऑक्सीकरण से ही धमनियाँ कड़ी होती हैं, इससे खून में थक्का बनने की प्रक्रिया तेज होती है और दिल का दौरा पड़ता है। 

डॉ० शर्मा का कहना है कि लिपिड नामक रसायन के ऑक्सीकरण की रफ्तार तेज करने में धूम्रपान, मद्यपान के साथ ही तनाव की सबसे बड़ी भूमिका रहती है। उन्होंने बताया कि योग की सुगम शैली भावातीत ध्यान के अभ्यास से मानसिक और अन्य तनाव दूर होते हैं। 

अपने शोधों से प्राप्त निष्कर्ष का विवरण देते हुए वे कहते हैं कि भावातीत ध्यान करने वाले लोगों में लिपिड नामक रसायन के ऑक्सीकरण की गति बारह प्रतिशत तक कम हो जाती है।

शाकाहार और मांसाहार की तुलना से संबंधित शोध में वे बताते हैं कि मांसाहार से शरीर को प्राप्त होने वाली चर्बी और वसा अम्ल शरीर के खून में थक्का बनने की प्रक्रिया और कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने वाली होती है। ऐसा इसलिये होता है क्योंकि मांस के वसा अम्ल लम्बी कार्बन- श्रृंखला वाले होते हैं।

यह रोचक तथा कटु सत्य है कि जैसे-जैसे शुद्ध घी के विकल्पों को अपनाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है वैसे वैसे हृदय रोग भी बढ़ रहे हैं। इसलिये डॉक्टरों की यही सलाह है कि भोजन शाकाहारी लिया जाय और नियमित योगाभ्यास किया जाय तो दिल की बीमारियों को दूर किया जा सकता है।

वीणा श्रीवास्तव..

 

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