Published By:धर्म पुराण डेस्क

आपकी लाइफ स्टाइल मिर्गी का कारण हो सकती है

हमारे समाज में ‘मिर्गी रोग’ से लगभग सभी परिचित हैं और भारत में इस रोग से ग्रस्त रोगी भी लगभग एक करोड़ के आसपास हैं। 

मिर्गी रोग किसी को भी हो सकता है किन्तु जानकारी के अभाव में उसका पता नहीं चलता और अन्य रोगों से वहम के चलते रोगी समय पर इलाज नहीं ले पाता और इसकी गम्भीरता बढ़ती जाती है।

कुछ लोगों को पता चलने के बाद भी शर्म की वजह से किसी को बताते नहीं। खासकर महिलाओं, अविवाहित लड़के लड़कियों में इस रोग को लेकर अधिक चिन्ता एवं भय पाया जाता है।

आज भी विकसित मानसिकता एवं आधुनिकता के बावजूद मिर्गी रोग को समाज में लाइलाज मानते हैं और इससे पीड़ित व्यक्ति को अछूत एवं अनुपयोगी समझा जाता है। इसी भय के कारण रोगी एवं उसके परिजन इस रोग को छुपाते रहते हैं।

सबसे पहले मिर्गी के बारे में यह समझ लेना आवश्यक है कि यह संक्रामक रोग नहीं और पास बैठने, खाने, पीने, सोने से एक दूसरे में नहीं फैलता है और लाइलाज भी नहीं है।

मिर्गी रोग को आयुर्वेद में "अपस्मार” कहते हैं।

मिर्गी या अपस्मार के होने में कारण:-

इस रोग में प्रधानतः शरीर के साथ मन, बुद्धि, स्मृति तीनों प्रभावित होते हैं और इन पर निम्न कारणों से रोग कारक प्रभाव पड़ता है।

1. मानसिक कारण, अधिक चिन्ता, भय, क्रोध करना, सामाजिकता के नियमों का उल्लंघन, जिनके चारित्रिक दोष उत्पन्न हो ऐसे कार्य जैसे- ईर्ष्या, द्वेष, परस्त्री चिंतन एवं गमन, आर्थिक असंतुलन, भौतिकवाद, ऐशोआराम की पूर्ति नहीं होना काम का अधिक दबाव, जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पाने की चिंता, अपने सुहृद, इष्ट मित्र, धन, संपत्ति का नाश या नाश अभाव हो जाना आदि कारण हैं जो मानसिकता को विकृत कर मिर्गी रोग की नींव डालते हैं।

2. आहार- खान-पान, खाने पीने की अनियमितता एवं अपवित्रता, कहीं भी कभी भी कुछ भी खाने, अपने परिवार, कुल, खानदान में प्रचलित खान-पान के अतिरिक्त खान-पान, देश, काल (ऋतु) अंसमय भोजन करना, दूषित भोजन, बासी भोजन, पाचन क्रिया का ध्यान न रखते हुए अपने मन एवं शरीर का अहितकर मुख्यतः वर्तमान में प्रचलित फास्ट फूड, मांस मदिरा भोजन सामग्री ग्रहण करना। 

3. विहार- घूमना-फिरना: रात्रि को अधिक समय तक जागना, अपवित्र स्थानों, पहाड़ों, चौराहों, शमशान आदि पर घूमना फिरना, मोबाइल, टी.वी. का अधिक उपयोग करना आदि।

4. शारीरिक रोग : अन्य रोग जैसे- मधुमेह, हृदय रोग, मस्तिष्क रोग, पाचन तंत्र - श्वसन तंत्र की व्याधियों से भी मिर्गी के दौरे आ सकते हैं।

मिर्गी रोग शोधकर्ता डॉ गिरिराज उपाध्याय के अनुसार उपर्युक्त सभी कारण मिलकर स्मृति (याददाश्त), बुद्धि एवं मन को रोगी बनाकर मिर्गी (अपस्मार) रोग को पैदा करते हैं।
 

धर्म जगत

SEE MORE...........